पेपर लीक मामले का महत्वपूर्ण आरोपी सुरेश ढाका अभी भी खुले में घूम रहा..

पेपर लीक मामले में शेरसिंह को 60 लाख रुपए में पेपर बेचने वाला आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा फिलहाल सलाखों के पीछे पहुंच गया लेकिन इस मामले का महत्वपूर्ण आरोपी सुरेश ढाका अभी भी खुले में घूम रहा है।

 सीनीयर टीचर्स भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में पिछले 12 दिन से पुलिस रिमांड पर चल रहे आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा और ड्राइवर गोपाल सिंह को जेल भेज दिया गया। मंगलवार को एसओजी राजस्थान की टीम ने दोनों को अदालत में पेश किया था और पूछताछ पूरी किए जाने का हवाला देते हुए दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का आग्रह किया था।

जिस पर दोनों आरोपियों को 16 मई तक जेल भेज दिया गया। इस मामले में कटारा का भांजा विजय डामोर तथा उसका शिक्षक दोस्त अरूण शर्मा पहले से ही जेल में हैं।

भारी सुरक्षा के बीच अदालत में किया गया था पेश

मिली जानकारी के अनुसार एसओजी की टीम मंगलवार दोपहर आरोपी आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा तथा चालक गोपाल सिंह को पेश करने एडीजे—1 की अदालत में पहुंची थी। भारी सुरक्षा के बीच उन्हें अदालत में पेश किया गया था। बताया गया कि रिमांड अवधि के दौरान पेपरलीक के आरोपी कटारा से कई महत्वपूर्ण जानकारी एसओजी को मिली है। जिसमें बताया गया कि कटारा के भांजे विजय डामोर ने पेपर को अपने हाथों से एक रजिस्टर में हाथ से लिखकर उतारा था।

नहीं किया गया है खुलासा

हालांकि बाद में उस रजिस्टर को जला दिया गया। किन्तु एसओजी अभी भी इस बात का पता नहीं लगा पाई कि कटारा ने किस तरह से पेपर हांसिल किए। इसमें और किन-किन का हाथ रहा, यह प्रश्न भी निरूत्तर है। कटारा के घर से मिली चाबियों और उनके आरपीएससी के स्ट्रांग रूम की होने की शंका को लेकर भी खुलासा नहीं किया गया है।

मास्टरमाइंड सुरेश ढाका नहीं लगा हाथ

पेपर लीक मामले में शेरसिंह को 60 लाख रुपए में पेपर बेचने वाला आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा फिलहाल सलाखों के पीछे पहुंच गया लेकिन इस मामले का महत्वपूर्ण आरोपी सुरेश ढाका अभी भी खुले में घूम रहा है। राजस्थान पुलिस तथा एसओजी उसकी तलाश में जुटी हुई है। इसके लिए राजस्थान सहित बाहरी राज्यों में दबिश दी जा रही है। हालांकि ढाका का अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है।

इससे पहले एसओजी और उदयपुर पुलिस पेपरलीक के महत्वपूर्ण आरोपी जगदीश सारण तथा शेरसिंह मीणा उर्फ अनिल मीणा को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनके माध्यम से आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी हो पाई।

सारण तैयार करता था डमी प्रत्याशी

पेपर लीक मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे भूपेंद्र सारण के बारे में एसओजी ने खुलासा किया है कि वह डमी प्रत्याशी तैयार करता था। जिसके एवज में वह पांच लाख रुपए प्रति पेपर का लालच देता था। सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 में पकड़े गए डमी अभ्यर्थियों के जरिए भूपेंद्र सारण का पता चला था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।

उदयपुर जिले की बेकरिया थाना पुलिस ने सारण एवं अन्य तीन आरोपियों को गिरफ्ताकिया था। उनके खिलाफ डमी प्रत्याशी उतारने के मामले में सोमवार को उदयपुर की अदालत में आरोप पत्र पेश किया जा चुका है। इस मामले में सारण का साथी और मूल अभ्यर्थी अभी तक फरार है और उसके खिलाफ अलग से चालान पेश किया जाएगा।

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