RBI के बूस्टर डोज का असर, शेयर बाजार में थमा गिरावट का तूफान
पिछले कुछ दिनों से जारी गिरावट के सिलसिले को तोड़ते हुए भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को शानदार तेजी के साथ बंद हुआ। इसकी वजह आरबीआई से मिले सकारात्मक संकेत हैं। दरअसल, आरबीआई ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कुछ उपायों का एलान किया है। इससे फरवरी में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी बढ़ गई है।
क्या ब्याज दरों में कटौती करेगा आरबीआई?
निफ्टी 50 0.56 फीसदी बढ़कर 22,957.25 पर पहुंच गया, जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.71 फीसदी बढ़कर 75,901.41 पर पहुंच गया। फाइनेंस सेक्टर के शेयरों 1.9 फीसदी और बैंकिंग शेयरों में 1.7 फीसदी की वृद्धि हुई। आरबीआई के लिक्विडिटी बढ़ाने के उपायों की बात करें, तो इसमें बॉन्ड खरीद और डॉलर/रुपया स्वैप शामिल हैं। इसके बारे में एनालिस्टों और ट्रेडर्स का कहना है कि यह फरवरी में ब्याज दरों (Repo Rate Cut) में कटौती का अहम संकेत हो सकता है।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स में इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के रिसर्च हेड नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि आरबीआई के उपायों से वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। लिक्विडिटी में ढील बैंकों और NBFC को क्रेडिट ग्रोथ और रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी। नोमुरा ने कहा कि आरबीआई से कदम से खासकर एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक को मदद मिलेगी, जिनके सामने लिक्विडिटी की समस्या थी।
बैंकिंग शेयरों का सबसे ज्यादा फायदा
आज एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक में क्रमशः 2.5 फीसदी और 3.8 फीसदी की वृद्धि हुई। बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज में क्रमशः 4.3 फीसदी और 3.7 फीसदी का उछाल आया। एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस में भी 1.3 फीसदी की तेजी आई। ब्रोकरेज फर्म सिटी का कहना है कि सिटी ने आरबीआई के फैसले से तीनों को ज्यादा लाभ होगा। आरबीआई के बूस्टर डोज का असर ऑटो और रियल्टी स्टॉक पर दिखा। इनमें क्रमशः 1.3 फीसदी और 2.2 फीसदी की तेजी दिखी।
वहीं, फार्मा इंडेक्स में 2.3 फीसदी की गिरावट आई। यह इंडेक्स दो सत्रों में 4.9 फीसदी गिर चुका है। अमेरिका ने विदेशी सहायता रोक दी है, जिससे एड्स दवा निर्माताओं पर बुरा असर पड़ सकता है। इसी फैक्टर का असर दवा कंपनियों के स्टॉक पर दिख रहा है। स्मॉल-कैप और मिड-कैप कमजोर तिमाही नतीजों और महंगे वैल्यूएशन के चलते 1.8 फीसदी और 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ लगातार लड़खड़ाते रहे।