कभी गलती न मानना और दूसरों को कम आंकना होती है Self-Centered इंसान की पहचान
हमारे आसपास कई तरह के लोग रहते हैं जिनका अपना स्वाभाव और गुण होते हैं। कुछ इंसान काफी विनम्र और दिल के अच्छे होते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने आगे दूसरों को तव्वजों नहीं देते। ऐसे लोग हमेशा खुद के बारे में सोचते हैं और खुद को अहमियत देते हैं। ऐसे में Self-Centred इंसान कहलाते हैं।
इंसान एक सामाजिक प्राणी है, जो कि समाज और लोगों के बीच रहकर खुद में बदलाव और अपनी पर्सनेलिटी डेवलेपमेंट करता है। हमारे आसपास कई तरह के लोग रहते हैं, जिनका अपना अलग स्वाभाव और गुण होते हैं। हालांकि, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिनकी दुनिया सिर्फ उनके इर्द-गिर्द ही घूमती है। वे अपने अनुसार ही दुनिया को देखना और सुनना पसंद करते हैं।
ऐसे लोगों के लिए किसी और की राय या विचार मायने नहीं रखते हैं। ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन गुजारना थोड़ा कठिन हो सकता है, क्योंकि न वे कभी आपको बातों को समझ सकते हैं और न ही कभी आपको। ऐसे में सेल्फ सेंटर्ड कहलाते हैं और सिर्फ खुद को भी अहमियत देते हैं।
इसलिए ऐसे में लोगों दूरी बनाना ज्यादा बेहतर है, ताकि आपको किसी तरह की कोई समस्या न हो। इसके लिए ऐसे लोगों की पहचान करना बेहद जरूरी है। आइए आपको बताते हैं सेल्फ सेंटर्ड व्यक्ति की पहचान कैसे की जाए। जानते हैं कि क्या है सेल्फ सेंटर्ड व्यक्ति होने के संकेत-
सेल्फ सेंटर्ड व्यक्ति में नजर आते हैं ये संकेत
ये सभी कन्वर्सेशन को डोमिनेट करना चाहते हैं। ये चाहते हैं कि बस इनके ही बारे में बातें हों, इनकी उपलब्धियों की चर्चा हो और सिर्फ इनके विचार ही सुने और समझे जाएं। ऐसे व्यक्ति से बात करना थोड़ा असहज महसूस कराता है।
ये अपने अनुसार ही सभी काम को करना चाहते हैं। अगर किसी काम को करने के कोई विशेष नियम हैं, तो ये इनके लिए मायने नहीं रखते हैं। इन्हें अपने अनुसार ही चीजों को करना पसंद होता है।
इनमें दया और करुणा का भाव बेहद कम होता है। किसी के प्रति दया का भाव तब आता है, जब आप उनकी जगह रह कर सोचते हैं और तब कोई काम करते हैं। लेकिन सेल्फ सेंटर्ड लोग दूसरों के नजरिए से किसी चीज को देखना बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं और दूसरों पर अपने विचार ही थोपते हैं।
ये तेजी से अपनी असफलताओं का ताज किसी और को पहना कर पल्ला झड़ना चाहते हैं। किसी गलती की जिम्मेदारी लेने से दूर भागते हैं और गलती का आरोप लगा देने पर चिल्ला कर खुद को सही साबित करने की कोशिश करते हैं।
ये दूसरों में कमी खोज कर उनकी निंदा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। इस तरह वे अपनी गलतियों को छिपा कर दूसरों की गलतियों का पिटारा खोलने में माहिर होते हैं।