हेल्थ कोच ने बताया फलों को खाने का ये 4 तरीका है बिल्कुल गलत-

फल किसी के भी हेल्दी बैलेंस डाइट में शामिल होता है। सेहतमंद रहना है तो जरूरी है कि फलों को अपनी डाइट में शामिल करें। लेकिन कई सारे लोग फलों को खाने में कुछ गलतियां करते हैं। जिसके बारे में अक्सर न्यूट्रिशनिस्ट बताते रहते हैं। जैसे कि फलों पर नमक छिड़ककर खाने के लिए ज्यादातर एक्सपर्ट मना करते हैं। इसी तरह से कुछ और भी गलतियां हैं। जिन्हें हेल्थ कोच नेहा रंगलानी से सोशल मीडिया पर शेयर किया है। जिसमे बताया गया है कि फलों को खाने में अक्सर लोग ये 4 तरह की गलती करते हैं। जिससे दूर रहकर ही फ्रूट्स के हेल्थ बेनिफिट्स पाए जा सकते हैं। तो चलिए जानें क्या हैं वो गलतियां

मिल्कशेक
बनाना शेक, मैंगोशेक या कोई और भी फ्रूट शेक लोगों को खूब पसंद आता है। अक्सर लोग इसे पीना पसंद करते हैं। लेकिन इन दोनों को साथ में मिलाकर पीना मतलब स्लो प्वॉइजन। दरअसल, दूध और फल दोनों में ही अलग-अलग न्यूट्रिनशन कंपोनेंट्स होते हैं। साथ ही इन्हें पचने में भी अलग-अलग टाइम लगता है। फल जल्दी से पच जाते हैं तो वहीं दूध को पचने में देर लगती है। जब हम फ्रूट्स को दूध में मिलाकर पीते हैं तो फ्रूट शुगर आंतों में फर्मेंट होने लगती है। जिसकी वजह से गैस, ब्लॉटिंग और दूसरे डाइजेशन से जुड़ी दिक्कते होती हैं। 

खाने के साथ या बाद में फ्रूट्स
ज्यादातर लोग आम को खाने के बाद खाना पसंद करते हैं लेकिन अगर आप भी ऐसा करते हैं तो रुक जाएं। क्योंकि खाने के बाद फ्रूट्स खाने से बॉडी को केवल एक्स्ट्रा शुगर ही मिलेगी जो जल्दी ही फैट में कन्वर्ट हो जाएगी। वहीं खाने के बाद खाया फ्रूट्स आंतों में रुका रहता है और काफी सारे डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें ब्लॉटिंग और गैस की समस्या पैदा करने लगता है। 

स्नैक की तरह
अगर आप फ्रूट्स को लेट नाइट या रात के वक्त स्नैक के तौर पर लेते हैं। जिसे आप हेल्दी हैबिट समझते हैं तो फौरन खाना बंद कर दें। रात के वक्त बॉडी को फ्रूट्स शुगर की जरूरत नहीं होती। फ्रूट्स खाने के एनर्जी आती है। लेकिन रात के वक्त उस तरह की एनर्जी नहीं चाहिए होती है। रात में बॉडी एंड मसल्स रिलैक्स होती है। इस वक्त फलों को खाने से वो केवल बॉडी में फैट बढ़ता है।

जूस
पैकेट वाले जूस को छोड़कर बहुत सारे लोग घर में ही फ्रेश जूस निकालकर पीते हैं। लेकिन ये तरीका फलों को खाने का बिल्कुल गलत है। जब हम फल खाते हैं तो साथ में हमें फाइबर और जरूरी न्यूट्रिशन भी मिल जाते हैं। वहीं जूस में केवल फाइबर जैसे जरूरी न्यूट्रिशन खत्म हो जाते हैं और केवल फ्रूट शुगर बचती है जो डायरेक्ट ब्लड में अब्जॉर्ब हो जाती है। जो सीथे लीवर में पहुंचती है और वहां ये शुगर फैट में कन्वर्ट हो जाती है। 

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