अंगूर में छिपा है सेहत का राज, सर्दी में रोजाना खाने से मिलते हैं गजब के फायदे!
ठंड में खाने की चीजों से बाजार हरे भरे नजर आते हैं। इन दिनों बाजार में जहां तरह-तरह के साग सब्जी मिलते हैं, वहीं फलों की भी डिमांड बढ़ी रहती है। उन्हीं में से एक है अंगूर। आमतौर पर बाजार में काले और हरे रंग के अंगूर मिलते हैं। सर्दियों में अंगूर खाने का अपना अलग ही मजा है। ये न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं बल्कि सेहत को भी बहुत फायदा पहुंचाते हैं। आपको बता दें कि अंगूर में सोडियम, पोटैशियम, साइट्रिक एसिड, फलोराइड और आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। अंगूर में कैलोरी की मात्रा बेहद कम होती है। इसको खाने से वजन भी कम होता है। आज हम आपको सर्दी के दिनों में अंगूर खाने के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से-
कैंसर से करे बचाव
अंगूर में एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर में मौजूद सेल्स को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने का काम करते हैं। अंगूर खाने से हार्ट डिजीज, कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। इसलिए ठंड में अंगूर जरूर खाना चाहिए।
ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल
अगर आपको या आपके घर में किसी को भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो उन्हें ठंड क दिनों में अंगूर निश्चित रूप से खाना चाहिए। दरअसल अंगूर का सेवन कर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर वाले हफ्ते में चार से पांच दिन अंगूर खा सकते हैं। इससे उन्हें बहुत आराम मिलेगा।
आंखों के लिए फायदेमंद
अंगूर में विटामिन A भरपूर मात्रा में पाया जाता है। अगर हम रोजाना अंगूर को अपनी डाइट में शामिल करते हैं तो आंखों को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों की मीठे की क्रेविंग दूर करने के लिए भी अंगूर का सेवन किया जा सकता है।
एनीमिया वाले जरूर खाएं अंगूर
जिन लोगों में एनीमिया या खून की कमी की शिकायत हो उन्हें अंगूर का सेवन जरूर करना चाहिए। इसके साथ ही जिन्हें पेट में कब्ज, दर्द और ऐंठन की दिक्कत हो तो वो भी आराम से अंगूर खा सकते हैं। इसे खाने से पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
त्वचा को बनाए चमकदार
अंगूर में एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो स्किन को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और समय से पहले बूढ़ा होने से बचाने में मदद करते हैं। आपको बता दें कि अंगूर में विटामिन ई भी होता है जिससे स्किन के रोगों का खतरा कम होता है।