गंगा स्नान से होगा पापों का नाश, जानें इसका धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन सबसे पवित्र दिनों में से एक माना गया है, जिसमें से मार्गशीर्ष पूर्णिमा भक्तों के बीच बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है। यह महीना भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है।

इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 26 दिसंबर के दिन मनाई जाएगी। कहा जाता है, जो साध इस दौरान गंगा स्नान करते हैं उनके सभी पापों का नाश हो जाता है। साथ ही भगवान कृष्ण के साथ माता गंगा की कृपा बनी रहती है। तो आइए जानते हैं –

जानें स्नान का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, 26 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन पवित्र गंगा स्नान किया जाएगा। ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान सबसे शुभ माना जाता है। तो ऐसे में इसका समय जान लेते हैं-

ब्रह्म मुहूर्त का समय – सुबह 05:22 मिनट से 06:17 मिनट तक।

पूजा और गंगा स्नान का समय – सुबह 09: 47 मिनट से दोपहर 01:39 मिनट तक।

गंगा पूजन मंत्र
गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति

ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:

गंगा स्नान का महत्व
पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विधान है। लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बेहद ही शुभ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और पूजा-पाठ करने से 32 गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस दिन का लोग उपवास भी रखते हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करते हैं,

जो लोग सच्ची श्रद्धा के साथ इस दिन पूजा-अर्चना करते हैं उनकी मनचाही इच्छा पूरी होती है। इसके साथ ही आर्थिक तंगी से निजात मिलता है।

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