चरवाहों के बनाए चार मार्गों से कश्मीर पहुंचते हैं आतंकवादी

जम्मू संभाग में आतंकी चरवाहों के बनाए गए रूट इस्तेमाल कर रहे हैं। ये रूट चरवाहे एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए इस्तेमाल करते थे। इनके रास्ते में कोई गांव नहीं पड़ता, जबकि इन रूटों के अधीन कई ऐसी डोक बनी हुई हैं, जो रहने के लिए थीं और इनका अब आतंकी इस्तेमाल कर रहे हैं। कठुआ, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ जिलों में ऐसे चार रूट हैं, जो जम्मू-कश्मीर को आपस में जोड़ते हैं। यही कारण है कि आतंकी उधमपुर, कठुआ, किश्तवाड़, डोडा और भद्रवाह में सक्रिय होकर गतिविधियां चला रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार पहला रूट उधमपुर-मरमाथी चिनाब से होते हुए किश्तवाड़, सिंथन पास और पुलवामा के त्राल को कनेक्ट करता है। दूसरा रूट उधमपुर के बसंतगड़ डुडु से भद्रवाह, ठाठरी, किश्तवाड़ को कनेक्ट करता है। तीसरा रूट कठुआ के बनी, छत्रगला से गंदोह घाटी और फिर किश्तवाड़ को कनेक्ट करता है। चौथा रूट हिमाचल प्रदेश के चंबा से त्रिशूल धार और किश्तवाड़ को कनेक्ट करता है। कुल मिलाकर कठुआ और उधमपुर से किश्तवाड़ और किश्तवाड़ से आगे कश्मीर को जोड़ने वाले रास्ते इस्तेमाल किए जा रहे हैं।
राजोरी-पुंछ में प्राकृतिक गुफाओं का हो रहा इस्तेमाल : सूत्रों के अनुसार, राजोरी-पुंछ के जंगलों में आतंकियों द्वारा प्राकृतिक गुफाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो किसी जमाने में संत-महात्मा तप करने के लिए इस्तेमाल करते थे। इन गुफाओं में घुसना आसान नहीं, जब तक इनका पूरी तरह से भ्रमण न किया गया हो। यही कारण है कि आतंकी इन गुफाओं का आकलन कर चुके हैं। वे इनका इस्तेमाल कर पा रहे। इसके अलावा वे सुरक्षित संचार नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो खुफिया एजेंसियां पकड़ नहीं पा रहीं।
सिर्फ खुफिया तंत्र से पकड़ में आएंगे
किसी क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ने और इस पर नियंत्रण सिर्फ ऐसे ही नहीं पाया जा सकता कि वहां पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी जाए। इस पर काबू पाने के लिए खुफिया तंत्र बढ़ाना होगा। फिर चाहे वो मानव स्तर पर हो या फिर तकनीकी ढांचे पर। इसकी मदद से आतंकियों तक पहुंचा जा सकता है।
– विजय सागर, पूर्व बिग्रेडियर
एक हजार स्थानीय युवकों की बनाएं टीम
राजोरी और पुंछ में चाहिए कि एक टीम तैयार की जाए। इसमें दोनों जिलों के घने जंगलों में रहने वाले युवाओं की एक टीम तैयार हो और जिनको जंगलों का ज्ञान हो। वे इलाके के बारे में जानते हों और उनकी सक्रियता हो। इनकी मदद से आतंकियों की गतिविधियाें पर नजर रखने में मदद मिलेगी। – -एसपी वैद, पूर्व डीजीपी
अभ्यास करते सैन्य जवान के हाथ में फटा ग्रेनेड, घायल
जिले के दियानी फायरिंग रेंज में अभ्यास करते समय हाथ में ग्रेनेड फटने से सैन्य जवान घायल हो गया। जानकारी के अनुसार, सुबह नौ बजे 168 इन्फेंट्री ब्रिगेड के तहत 14 एमएलआई का सैनिक सतीश मुंडे फायरिंग रेंज में हैंड ग्रेनेड के विस्फोट के कारण घायल हो गया। जवान के बाएं हाथ पर गंभीर चोट लगी है। उसे इलाज के लिए सैन्य अस्पताल सांबा में भर्ती करवाया गया, जहां से घायल जवान को पठानकोट में रेफर कर दिया गया है।