उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालत, उफान पर हैं नदियां-नाले..

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालत हो गए हैं। बारिश के बाद नदियां-नाले उफान पर हैं। बारिश के बाद सड़कें-पुल बह गए हैं, तो घरों में मलबा घुस गया है। बारिश की वजह से अलग-अलग हादसों में चार लोगों की मौत भी हो गई है। कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से गर्जिया मंदिर परिसर में बनी दुकानों के अंदर पानी घुस गया। इससे कई दुकानें भी बह गईं। पानी के खतरे को देखते हुए गर्जिया मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है।

वहीं मंदिर के टीले को खतरा उत्पन्न होने पर मंदिर समिति ने टीले के चारों ओर तिरपाल लगाया है। कोसी नदी के जलस्तर को देखते हुए काशीपुर से लेकर यूपी तक अलर्ट किया गया है। सोमवार को कोसी नदी का जलस्तर 42 हजार 600 क्यूसेक से अधिक पहुंच गया। इससे सुंदरखाल व चुमुक में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। पुलिस, दमकल व प्रशासन की टीमें पूरी तरह से अलर्ट रहीं।

एसडीएम गौरव चटवाल ने बताया कि बारिश से नुकसान हुआ है। बताया कि पीरूमदारा व अन्य जगहों पर धान की खड़ी फसल खराब हो गई है। बरसाती रपटों पर पुलिस टीमें लगाई गई हैं, ताकि उफनाते नालों पर वाहन नहीं जा सके। बारिश की वजह से कॉर्बेट के झिरना और ढेला रेंज में सोमवार को सफारी बंद रही।

धनगढ़ी में घंटों लगा जाम, ट्रक भी फंसा
बारिश से धनगढ़ी नालों सुबह चार बजे तक उफान पर रहा। हालांकि शाम तीन बजे बारिश हल्की होने के बाद पानी कम हो सका। इस बीच गुजर रहा ट्रक मलबे में फंस गया। एसडीएम गौरव चटवाल ने बताया कि ट्रक को जेसीबी से निकाला गया। इस बीच लंबा जाम लगा रहा।

यूपी को रेड अलर्ट
एसडीएम ने बताया कि कोसी बैराज से 42 हजार क्यूसेक से अधिक पानी पहुंचने पर काशीपुर व यूपी को खतरा रहता है। कोसी बैराज से यूपी को रेड अलर्ट किया गया। उन्होंने बताया गर्जिया मंदिर के टीले को खतरा उत्पन्न होने पर चारों ओर से तिरपाल लगाया गया है।

भीमताल झील के पांच गेट खोले
भीमताल। बारिश से भीमताल झील का जलस्तर बढ़ गया है। सिंचाई विभाग के जेई एस आर्य ने बताया कि आमतौर पर झील का जलस्तर 40 फीट रखा जाता है। छह दिन से हो रही बारिश से जलस्तर 42.5 फुट पहुंच चुका है। इसके चलते झील के पांचों गेट खोल दिए गए हैं।

सूखी नदी का जलस्तर बढ़ने से संपर्क कटा
हल्द्वानी। गौलापार क्षेत्र में सूखी नदी का जलस्तर बढ़ गया। इससे विजयुपर, नकायल गांव का शहर से संपर्क कट गया। विजयपुर निवासी मोहन कोटलिया ने बताया कि गांव से रोज 500 ली. से ज्यादा दूध डेयरी जाता है। लेकिन सूखी नदी के उफान पर होने से दूध डेयरी नहीं जा पाया। रामनगर के मालधन में घरों में घुसा पानी: मालधन में लगातार बारिश से करीब 12 घरों में पानी घुस गया।

इससे लोगों को प्रशासन की टीम सुरक्षित स्थलों पर ले गई। एसडीएम ने बताया कि कोई घर क्षतिग्रस्त होने का मामला सामने नहीं आया है। बताया कि बारिश रुक गई है। बताया कि सभी बोर्ड चौकियों को अलर्ट किया गया है।हाईवे पर गिरा पेड़ बिजली गुल रहीबारिश की वजह से काशीपुर हाईवे पर एक पेड़ गिर गया। इससे कई घंटों तक यातायात ठप रहा। हालांकि बाद में पुलिस व दमकल विभाग की टीम ने पेड़ काट कर सड़क से हटाया, तब जाकर यातायात शुरू हो पाया।

रामगढ़ के उमागढ़ मोटरमार्ग का पुल भी बहा
भवाली। रामगढ में बारिश का कहर जारी है। बारिश ने यहाँ का जनजीवन अस्त व्यस्त है। बारिश से सभी जगह नदी नाले उफान में बह रहे। उमागढ़ में नाले के तेज बहाव में गांव को रामगढ से जोड़ने वाला पुल टूट गया। जिससे ग्रामीणों को नाला पार करने में काफी दिक्कत आ रही हैं। ज्येष्ठ प्रमुख प्रदीप ढैला ने बताया कि तेज बारिश के बीच उमागढ़ स्थित पुल बह गया। जिससे ग्रामीणों का मुख्य मार्ग से सम्पर्क टूट गया। उन्होंने प्रशासन जल्द से जल्द पुल का निर्माण करने की मांग की है।

गौला नदी का जलस्तर बढ़ा
गौला नदी का जलस्तर बढ़ने से गौला पुल को खतरा उत्पन्न हो गया है। सोमवार को जलस्तर बढ़ने से पुल के बाई ओर की एप्रोच वॉल के पास किए गए भरान पर कटान शुरू हो गया है। साथ ही इसी ओर फुटपाथ के कुछ डिवाइडर भी धंस गए हैं। कटान देख पुल के पास लोगों की भीड़ जमा हो गई। साथ ही ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी भी अलर्ट मोड पर आ गए।

पिछले साल की बात करें तो अक्तूबर में आई आपदा के दौरान गौला का जल स्तर बढ़ने से गौला पुल का यही छोर क्षतिग्रस्त हो गया था। उस समय क्षतिग्रस्त एप्रोच वॉल बनाने के साथ ही खाली हिस्से में रेता और पत्थर का भरान किया गया। इधर, एनएचएआई के परियोजना निदेशक योगेंद्र शर्मा का कहना है कि गौला पुल को कोई खतरा नहीं है। पुल की एप्रोच वॉल बिल्कुल सही है।

बारिश ने शहर को पानी-पानी किया 
रुद्रपुर। लगातार तीन दिन से हो रही बारिश ने शहर को पानी-पानी कर दिया। सोमवार को पिछले दिनों के मुकाबले तेज बारिश हुई, जिससे मोहल्ला मुखर्जी नगर और जगतपुरा के घरों में पानी भर गया। वहीं सड़कों पर जलभराव से जाम की स्थिति बन गई। डीडी चौक पर गाड़ियों से जाम लग गया। वहीं, कल्याणी नदी भी उफान पर है। इससे लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं।

चौथे दिन तेज बारिश ने लोगों को सर्दी का अहसास कराया। सुबह करीब आठ बजे से बारिश और तेज हो गई। इस दौरान शहर की सड़कें तालाब बन गईं। इस दौरान काशीपुर बाईपास रोड पर जलभराव होने से बड़े वाहन भी निकलना मुश्किल हो गया। वहीं डीडी चौक पर गड्डों में पानी भरने से दोपहिया वाहन चालक चोटिल हो गए।

यहां पर कई जगह से जाम लगने के कारण वाहन दूसरी तरफ से भेजे गए। गाबा चौक पर भी काफी जलभराव हो गया। इससे यहां पर लोग पानी के बीच से निकलते नजर आए। कल्याणी उफान पर, घरों में घुसा पानी ट्रांजिट कैंप मोहल्ले में पूरी तरह से जलभराव रहा। यहां पर मुखर्जी नगर में खासतौर पर घरों के आगे पानी भरा रहा।

घरों के अंदर पानी घुसने से लोगों का घर के आगे से निकलना दूभर हो गया। आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कल्याणी का जलस्तर 3970 क्यूसेक होता है। जबकि इस समय वार्निंग लेवल 30000 क्यूसेक तक आ गया था, लेकिन बहाव के चलते वॉटर लेवल सामान्य आ गया।

लटर रहे बिजली के तारों तक पहुंचा पानी: ऊर्जा निगम की लापरवाही यहीं से पता चलती है कि जगतपुरा में कई जगह नीचे लटक रहे तारों तक पानी पहुंच गया। इस दौरान खतरे को देखते हुए लोगों ने अपने घरों में स्विच ऑफ कर दिए।

सड़कों पर खूब भीगे स्कूली बच्चे: शहर की सड़कों पर तेज बारिश होने से स्कूली बच्चे भीग गए। बालाजी द्वार और कई इलाकों से छुट्टी होने पर बच्चे सड़कों पर एक साथ जलभराव में आधे घुसते हुए गंतव्य की ओर गए। कुछ स्कूलों में बच्चों को तेज बारिश के कारण बाहर नहीं निकलने दिया।

जसपुर में 20 मकानों को खतरा
जसपुर। क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से जहां फीका नदी का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं, नदी का रूख बदलने से ग्राम राजपुर, खालीपार पट्टी, कृपाचार्यपुर और हजीरो में करीब 20 मकान खतरे की जद में आ गये हैं। सोमवार को एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने तहसीलदार पूनम पंत, राजस्व निरीक्षण निर्भय जैन, कुलदीप सिंह के साथ गांव पहुंचकर नदी घाट एवं पूरनपुर बंधे को देखा। एक स्थान पर नदी बंधे को छूकर निकल रही है।

एसडीएम ने सिंचाई विभाग के एई एचसी भदौला से बात कर बंधे को दुरूस्त कराने, तहसीलदार को नदी किनारे बसे लोगों को अलर्ट रहने के निदेंश दिए हैं। वहीं,ग्राम प्रधान रूबी जहां के पति फखरूद्दीन ने कहा आठ साल पहले तक नदी गांव से पांच सौ मीटर दूरी पर बहती थी।

बारिश का पानी स्कूलों में घुसा: ग्राम भोगपुर, राजपुर,भरतपुर, किलावली, लालपुर, नादेही, जगतपुर, देवीपुरा व जगदीशावाला आदि सरकारी स्कूलों में पानी भर गया। शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमित त्यागी ने प्रशासन से बारिश में स्कूलों की छुट्टी कराने की मांग की।

गूलरभोज में बारिश से छह कच्चे घर ढहे
गूलरभोज। पिछले तीनों दिनों से हो रही बारिश से जहां जनजीवन पटरी से उतर गया है।वहीं, कटपुलिया गांव के निवासी गुरमीत, मलकीत सिंह, मखन सिंह, ढाई नंबर कोपा गांव के अशोक और दिलशाद समेत कई लोगों के आधा दर्जन कच्चे मकान ढह गए हैं।

इधर, ग्राम प्रधान मनोज देवराड़ी ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उधर, रविवार शाम से बौर जलाशय से 200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सिंचाई विभाग के जेई हरपाल सिंह ने कहा जलाशय का जलस्तर 788.70 है। जो खतरे के लेवल छह फीट कम है।

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