पौधरोपण से जुड़े एक पेड़ मां के नाम अभियान में यूपी ने लहराया परचम
जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के बीच देश में पौधरोपण को लेकर शुरू किए गए एक पेड़ मां के नाम अभियान को बड़ी सफलता मिली है। जिसमें न सिर्फ तय समय-सीमा से पहले ही पौधरोपण के लक्ष्य को हासिल किया गया है बल्कि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने लक्ष्य से अभी अधिक पौधरोपण कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
ये राज्य रहे पीछे
हालांकि इस दौरान पश्चिम बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु जैसे राज्यों का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा है। जो अपने पौधरोपण के लक्ष्य से काफी पीछे रहे है। पौधरोपण से जुड़े इस अभियान की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर खुद अपनी मां के नाम एक पौधे को रोप कर की थी।
उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्य प्रदेश ने बनाया रिकॉर्ड
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए इस अभियान में सितंबर 2024 तक 80 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया था। इसे 30 सितंबर से पांच पहले ही न सिर्फ हासिल कर दिया गया बल्कि उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों ने लक्ष्य से भी अधिक पौधरोपण कर एक नया रिकॉर्ड भी बनाया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश में सबसे 26.67 करोड़ पौधे रोपे गए है, जबकि उसे लक्ष्य सिर्फ 25.25 करोड़ का ही दिया गया था। वहीं 15.5 करोड़ पौधों का रोपण कर गुजरात इस अभियान में दूसरे नंबर पर था।
अभियान के तहत गुजरात को 12.20 करोड़ पौधों को रोपने का लक्ष्य दिया गया था। खासबात यह है कि यह अभियान अगले साल भी चलेगा। ऐसे में इन दोनों सालों में देशभर में 140 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है। अभियान के तहत सितंबर 2024 तक 80.84 करोड़ पौधे रोपे गए है।
तमिलनाडु को 42 लाख पौधों के रोपने का लक्ष्य दिया गया था
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक अभियान के तहत पश्चिम बंगाल को सितंबर 2024 तक 1.30 करोड़ पौधों को रोपने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि उसने सिर्फ तीन लाख पौधे ही रोपे है। वहीं तमिलनाडु को 42 लाख पौधों के रोपने का लक्ष्य दिया गया था, जबकि उसने सिर्फ चार लाख पौधे ही रोपे है। इसी तरह दिल्ली को 30 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य दिया गया था, जबकि उसने दो लाख पौधे ही रोपे है।