फ्रांस में सामने आया नए Mpox वैरिएंट का पहला मामला,
फ्रांस में नए एमपॉक्स वैरिएंट का पहला मामला सामने आया है। इसकी जानकारी समाचार एजेंसी एएफपी ने सोमवार को देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान का हवाला देते हुए दी।
एएफपी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि मरीज ने मध्य अफ्रीका की यात्रा नहीं की थी, जहां वायरस का नया रूप उत्पन्न हुआ था, लेकिन वह उस क्षेत्र से लौटे दो लोगों के संपर्क में था।
एएफपी के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमण के स्रोत की जांच कर रहे हैं और सभी संभावित संपर्कों का पता लगाने का काम कर रहे हैं।
फ्रांसीसी क्षेत्रीय समाचार पत्र ओवेस्ट फ्रांस की रिपोर्ट के अनुसार, मरीज एक महिला है और उसका निदान ब्रिटनी के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रेनेस के एक अस्पताल में किया गया था।एमपॉक्स का नया रूप, जिसे क्लेड 1बी वैरिएंट कहा जाता है, अगस्त में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल से जुड़ा हुआ है। जर्मनी ने अक्टूबर में अपना पहला मामला दर्ज किया और ब्रिटेन में भी पहला केस दर्ज हुआ।
क्या है एमपॉक्स (What is Monkeypox)
मंकीपॉक्स, स्मॉल पॉक्स की तरह एक वायरल बीमारी है। इसका नाम भले मंकीपॉक्स है, लेकिन इसका मंकी से कोई संबंध नहीं है। यह स्मॉल पॉक्स परिवार से जुड़ी समस्या है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंकीपॉक्स वायरस की पहचान पहली बार 1958 में हुई थी जब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में चेचक जैसी बीमारी के लक्षण मिले थे। इस बीमारी का पहला मामला 1970 में मिला था जिसके बाद 2022 में एमपॉक्स दुनियाभर में फैल गया।
क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण? (Symptoms of Monkeypox)
मंकीपॉक्स के सामान्य लक्षणों में दाने शामिल हैं जो 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं। यह बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, थकान और सूजी हुई ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) से शुरू हो सकता है। इसके दाने फफोले या घावों की तरह दिखते हैं और चेहरे, हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों, कमर, जननांग और/या गुदा क्षेत्रों पर दिखाई दे सकते हैं। कुछ लोगों को मलाशय (प्रोक्टाइटिस) के अंदर सूजन हो जाती है जिससे तेज दर्द हो सकता है, साथ ही जननांगों में सूजन आ सकती है जिससे पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है।
मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय क्या हैं?
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करें और संक्रमित व्यक्तियों या जानवरों के सीधे संपर्क से बचें।
साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं, और जरूरत पड़ने पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। जंगली जानवरों, खास तौर पर कृन्तकों और प्राइमेट्स को न छुएं और बीमार जानवरों से सावधान रहें।
जिन क्षेत्रों में मंकीपॉक्स का प्रकोप है, वहां व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का उपयोग करें और अच्छी पर्यावरणीय स्वच्छता बनाए रखें।
सुनिश्चित करें कि कोई भी कट या घाव ढका हुआ है और अगर आपको बुखार, दाने या सूजी हुई लिम्फ नोड्स जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।