इस आदमी की पहली 2 बीवियों ने मिलकर करा दी तीसरी शादी

विशाखापट्टनम: अरे ये क्या! क्या कोई महिला अपने ही पति की दूसरी और तीसरी शादी के लिए हां कह सकती है? लोग चाहे जो भी कहें, लेकिन आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में कुछ ऐसा ही हुआ है. यहां एक महिला ने अपने पति की 2 शादियों को खुशी-खुशी एक्सेप्ट किया है. गुलेलु गांव के शख्स सगेनी पांडन्ना ने साल 2000 में पर्वतम्मा नाम की महिला से शादी की. शादी के 7 साल बाद पर्वतम्मा के पति ने अप्पलम्मा से शादी की, क्योंकि उनका कोई बच्चा नहीं था.

1, 2 नहीं 3 शादी की
सगेनी पांडन्ना ने पर्वतम्मा के बाद अप्पलम्मा से शादी की. दोनों का बच्चा भी हुआ. लेकिन इसके बाद उन्हें एक और बच्चा चाहिए था. अब पर्वतम्मा के साथ अप्पलम्मा ने भी अपने पति, यानी सगेनी पांडन्ना की तीसरी शादी का फैसला लिया. पंडन्ना ने अपनी दोनों पत्नियों को बताया कि उसे किल्लमकोटा गांव के बंधावीधी निवासी लाव्या उर्फ लक्ष्मी पसंद है.

कहानी तीसरी शादी की
लव्या के बड़े-बुजुर्ग भी शादी के लिए राजी हो गए. पंडन्ना की दो पत्नियों ने अपने नाम पर शादी के कार्ड और फ्लेक्स छपवाए, जिसमें लिखा था कि उन्हें अपने पति की शादी में आमंत्रित किया गया था और शादी बड़े पैमाने पर की गई थी. तीसरी शादी 25 जून के दिन हुई.  उनकी शादी तेलुगु राज्यों में एक हॉट टॉपिक बन गई, जिसके बाद पंडन्ना अपनी तीनों पत्नियों के साथ रिश्तेदारों से दूर चले गए.

गांव वालों ने कही ये बात
किल्लमकोटा के ग्रामीणों के अनुसार, पांडन्ना के पास कुछ कृषि भूमि है और वह दिहाड़ी मजदूर के रूप में भी काम करते हैं. उनकी पत्नियां भी काम में हाथ बटाती हैं. गावं वालों ने बताया, “पर्वतम्मा और अप्पालम्मा ने हमें बताया कि इसमें गलत क्या है? हम दोनों पंडन्ना के साथ अपनी जिंदगी बिता रहे हैं. हम एक और बच्चा चाहते थे क्योंकि हम उसे जन्म नहीं दे सकते थे, इसलिए हमारे पति ने लव्या से शादी की.”

वकील वेंकटेश्वर राव ने न्यूज 18 को बताया, “हिंदू विवाह अधिनियम 1954 के अनुसार पांडन्ना का विवाह तब तक अवैध नहीं होगा जब तक कि उसकी पहली पत्नी शिकायत न करे. उनकी पहली और दूसरी पत्नी को कोई आपत्ति नहीं है.”

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