चार सीटों पर 38 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज
बिहार: लोकसभा चुनाव के बाद 13 नवंबर इस साल की अहम चुनावी तारीख है। कई राज्यों में चुनाव-उप चुनाव है। बिहार की चार सीटों पर उप चुनाव है। चारों सीटें विधायकों के सांसद बनने के खाली हुई हैं। इनमें तीन सीटें लालू यादव की पार्टी और एक राजग की है।
देश के विभिन्न राज्यों में चुनाव-उप चुनाव हो रहे हैं तो बिहार भी अछूता नहीं है। 13 नवंबर को सुबह सात बजे से बिहार की चार विधानसभा सीटों- बेलागंज, इमामगंज, तरारी और रामगढ़ में मतदान होगा। कुल 38 प्रत्याशियों का भाग्य आज इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में लॉक हो जाएगा। इन प्रत्याशियों में 33 पुरुष, जबकि पांच महिला प्रत्याशी हैं। इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के 346, तरारी के 332, बेलागंज के 305 और रामगढ़ के 294 मतदान केंद्रों को मिलाकर 12 लाख 2 हजार 63 मतदाता हैं। इनमें इमामगंज में 315389, तरारी में 308149, बेलागंज में 288782 और रामगढ़ में 289743 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। चुनाव की संवेदनशीलता को देखते हुए बिहार पुलिस ने दो हजार से ज्यादा होमगार्ड के साथ कुल 10 हजार सुरक्षाबलों को चुनावी ड्यूटी दी है।
तीन सीटें महागठबंधन की, इसलिए प्रतिष्ठा फंसी
बुधवार को जिन चार सीटों पर चुनाव होना है, उनमें बेलागंज, रामगढ़ और तरारी विधानसभा सीट महागठबंधन के कब्जे में थी। तीनों सीटों के महागठबंधन विधायक लोकसभा चुनाव जीतकर संसद बन गए तो यह ख्नाली हुईं। सिर्फ एक इमामगंज विधानसभा सीट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास थी। बुधवार को मतदान में राजद अपनी तीनों सीटें और राजग अपनी एक सीट बचाने के लिए उतरेगा, जबकि दोनों खेमे का दावा है कि वह चारों सीटें अपने खाते में ले आएगा। दोनों खेमों के बीच महामुकाबले के दरम्यान तीसरा कोण भी कहीं-कहीं बन रहा है, लेकिन चर्चा में जन सुराज है क्योंकि प्रशांत किशोर की यह पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले इस उप चुनाव के जरिए पहली बार चुनावी महासमर में उतरी है।
रामगढ़ : राजद और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में राजद और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। बहुजन समाजवादी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी है। बुधवार को वोटरों का मिजाज तय करेगा कि रामगढ़ इतिहास दोहराएगा या नया कुछ करेगा। रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद बने तो यह सीट उप चुनाव के लिए खाली हुई। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की तरह इस बार भी भाजपा, राजद और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा है। 2020 के चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सुधाकर सिंह ने महज 189 वोटों से बसपा के अंबिका यादव पर जीत दर्ज की थी। तीसरे नंबर पर भाजपा के अशोक कुमार सिंह रहे और अंतर महज 1999 वोट था। सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह इस बार मैदान में हैं। बसपा के पूर्व प्रत्याशी के भतीजे सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू यादव मुकाबले में मायावती की पार्टी से उतरे हैं। भाजपा के प्रत्याशी पहले वाले ही हैं।
तरारी : भाजपा और माले के बीच कांटे का मुकाबला
भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा उप चुनाव में बुधवार को वोट पड़ेगा। राजग कोटे से भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत और महागठबंधन समर्थित भाकपा-माले प्रत्याशी राजू यादव के बीच सीधी टक्कर नजर आ रही है। विशाल प्रशांत जदयू कोटे से विधायक रहे सुनील पांडेय के बेटे हैं। जन सुराज प्रत्याशी किरण सिंह मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के प्रयास में हैं। भाकपा माले अपने कैडर वोटों के अलावा राजद के माई समीकरण को जोड़ रहा है। भाजपा के वोट बैंक माने जाने वाले सवर्ण और वैश्य मतदाता भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में गोलबंद हैं और उसे जदयू से भी पूरी उम्मीद है। जन सुराज दोनों गठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में है।
बेलागंज : दो दिग्गजों की आमने-सामने टक्कर
गया जिले की बेलागंज विधानसभा सीट पर राजद के पूर्व मंत्री और फिलवक्त जहानाबाद से पार्टी के सांसद सुरेंद्र प्रसाद यादव ने अपने बेटे विश्वनाथ यादव को टिकट दिलावाया है। यह सीट उन्हीं के सांसद बनने से खाली हुई थी और अब बेटे के रूप में उनकी ही प्रतिष्ठा दांव पर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को मैदान में उतारा है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज पार्टी ने मो. अमजद को अपना उम्मीदवार बनाया है, हालांकि वोटिंग से पहले बेलागंज में राजद-जदयू के बीच आमने-सामने की टक्कर दिख रही।
इमामगंज : जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर
गया जिले की इमामगंज विधानसभा सीट को राजग ने हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा- सेक्युलर के खाते में ही रहने दिया है। यहां के विधायक रहे जीतन राम मांझी गया से सांसद चुने गए तो यह सीट खाली हुई। मांझी ने अपनी बहू और बिहार सरकार के मंत्री संतोष कुमार सुमन की पत्नी दीपा मांझी को चुनावी मैदान में उतारा है। राजद प्रत्याशी रौशन मांझी हैं। जन सुराज पार्टी भी जितेंद्र पासवान को टिकट देकर चुनाव को त्रिकोणीय बनाने का प्रयास किया है।