एक्वा लाइन का होगा विस्तार,दिल्ली एयरपोर्ट से जुड़ेगा नोएडा!

एक्वा लाइन विस्तार के तहत नोएडा सेक्टर-142-बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो कॉरिडोर की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएमआरसी) ने मंजूरी दे दी। एनएमआरसी की 38वीं बोर्ड बैठक में बुधवार को यह फैसला लिया गया। अब डीपीआर यूपी और केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। वहां से मंजूरी के बाद निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा। काम पूरे होने के बाद नोएडा के अधिकांश हिस्से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और आईजीआई एयरपोर्ट से सीधे जुड़ जाएंगे।

11.56 किमी लंबे कॉरिडोर के निर्माण में 2254.35 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस पर बॉटेनिकल गार्डन, नोएडा सेक्टर-44, नोएडा ऑफिस, नोएडा सेक्टर-97, नोएडा सेक्टर-105, नोएडा सेक्टर-108, नोएडा सेक्टर-93 और पंचशील बालक इंटर कॉलेज स्टेशन होंगे। कॉरिडोर के निर्माण के बाद यह मजेंटा और ब्लू लाइन के नेटवर्क से जुड़ते हुए लोगों को फायदा पहुंचाएगा।

इससे एक्सप्रेसवे के किनारे रहने वाले लाखों लोग बॉटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन तक जाएंगे। इसके बाद मजेंटा लाइन से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के टर्मिनल-एक तक पहुंच सकेंगे। इसके अलावा बॉटेनिकल गार्डन से ब्लू लाइन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और आनंद विहार बस अड्डा जाने में सहूलियत होगी।

इससे पहले सेक्टर-63 तक ब्लू लाइन से यह सुविधा मिली हुई है, लेकिन नए कॉरिडोर से एक्सप्रेसवे के किनारे सैकड़ों सोसाइटियों में रहने वाले लोग भी इस सुविधा से आसानी से जुड़ जाएंगे। अभी यहां रहने वाले लोगों को दाेनों गंतव्यों तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि कॉरिडोर के जरिये एक्सप्रेसवे के दोनों ओर के रिहाइशी, ऑफिस एरिया, स्कूल और कॉलेज को जोड़ा जाएगा। इसकी मदद से आवागमन आसान करने की कोशिश होगी।

डीपीआर के मुताबिक, यह कॉरिडोर नोएडा-ग्रेनो समेत दिल्ली के नेटवर्क को जोड़ने का काम करेगा। इसके तैयार होने से एक्वा लाइन, ब्लू लाइन और मजेंटा लाइन आपस में जुड़ जाएंगे। इससे नोएडा-ग्रेनो से दिल्ली-एनसीआर के किसी भी कोने में जाने में सहूलियत होगी। बोर्ड बैठक में ओएसडी जयदीप और पदेन संयुक्त सचिव के अलावा एनएमआरसी के एमडी लोकेश एम. और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


बॉटेनिकल गार्डन से जुड़ेंगी तीन लाइनें
अब बॉटेनिकल गार्डन के इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन से तीन लाइनें जुड़ जाएंगी। ऐसे में संभव है कि यह दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा इंटरचेंज स्टेशन बन जाए। यहां एक्वा, ब्लू और मजेंटा लाइनों पर सफर करने वाले यात्री पहुंचेंगे और कॉरिडोर बदलते हुए गंतव्य तक जाएंगे। सबसे पहले यह ब्लू लाइन कॉरिडोर का एक स्टेशन था, बाद में इस स्टेशन से मजेंटा लाइन की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। उन्होंने कॉरिडोर की सवारी भी की थी। इसके बाद अब एक्वा लाइन कॉरिडोर इससे जुड़ेगी।


शुरुआती चरण में 80 हजार यात्रियों के आने की संभावना
एनएमआरसी के अनुमान के मुताबिक, शुरुआती चरण में करीब 80 हजार यात्री यहां से सफर कर सकेंगे। यह सभी यात्री सेक्टर-142, 93, 97, 99, 100, 104, 108, 105 और 44 और 45 सहित अन्य सेक्टरों से होंगे। इसकी एक खासियत यह भी होगी कि इसके माध्यम से ग्रेनो से दिल्ली का जुड़ाव सीधे हो जाएगा। ग्रेनो के यात्रियों को सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से कॉरिडोर बदलने की जरूरत नहीं होगी। वह ग्रेनो डिपो या परी चौक से सेक्टर-142 होते हुए सीधे दिल्ली जा सकेंगे, हालांकि यात्रियों को यह सुविधा अगले चार वर्षों में मिल पाएगी।


यूपी और केंद्र सरकार तेजी दिखाए तो जल्द होगा काम

डीपीआर की मंजूरी के बाद गेंद यूपी सरकार के पाले में चली गई। अब यूपी सरकार को जल्द मंजूरी देनी होगी, फिर इसे केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से निरीक्षण के बाद इसे पीएमओ भेजा जाएगा। वहां से केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद इसके आगे का काम होगा। अगर सरकारें चाहें तो इसका काम जल्द से जल्द शुरू हो सकता है।


निर्माण में लगेंगे चार साल

एनएमआरसी के अधिकारियों के मुताबिक, डीपीआर की मंजूरी के बाद इसके बनने में तीन से चार वर्ष लगेंगे। हालांकि इस पर अंतिम फैसला टेंडर निकालने के दौरान होगा, लेकिन कॉरिडोर की लंबाई को देखते हुए बताया जा रहा है कि इस काम को पूरा करने में इतना समय लगेगा। टेंडर निकालने के बाद एजेंसी चयन में कम से कम तीन माह लगेंगे। अगर तीन या इससे अधिक एजेंसी आ गई तो चयन के बाद काम शुरू होगा।

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