
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में दिवाली का भव्य पर्व मनाया जाता है। असल में दिवाली एक पांच दिवसीय पर्व है, जो धनतेरस से भैयादूज तक रहता है। इस बार सूर्य-ग्रहण होने के कारण दिवाली, गोवर्धन और भैयादूज को लेकर लोगों में संशय बना हुआ है।
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत कहते हैं कि धनतेरस 23 को है। 24 को दिन में चतुर्दशी होगी लेकिन शाम 5 बजकर 27 मिनट पर अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी और लक्ष्मी पूजन सांध्यकालीन उपस्थित अमावस्या में ही किया जाता है, इसलिए इस बार छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली (लक्ष्मी पूजन) का पर्व एक ही दिन 24 को मनाया जाएगा। 25 को चूंकि सूर्य-ग्रहण है, जो शाम 4:29 से 6:26 के बीच रहेगा और ग्रहण के सूतक 25 तारीख की सुबह 4.29 से ही लग जाएंगे, इसलिए 25 को पूरे दिन सूतक और शाम को ग्रहण के कारण 25 तारीख का दिन रिक्त रहेगा। इस दिन पर्व नहीं मनाया जाएगा। इसके बाद 26 को प्रातः से मध्याह्न तक प्रतिपदा तिथि रहेगी, इसलिए अन्नकूट गोवर्धन का पर्व 26 और भैयादूज का पर्व 27 को मनाया जाएगा। वहीं आचार्य मनीष स्वामी कहते हैं कि ग्रहण के कारण दिवाली की रात से ही सूतक लग जाएगा। ऐसे में दिवाली के अगले दिन ग्रहण के कारण रिक्त रहेगा और इससे अगले दिन गोवर्धन और उसके अगले दिन भैया दूज का पर्व होगा।
इस दिन होंगे त्योहार
धनतेरस : 23 अक्तूबर
छोटी एवं बड़ी दिवाली (लक्ष्मी पूजा) : 24 को
25 का दिन सूतक एवं ग्रहण के कारण रिक्त रहेगा
गोवर्धन : 26 को
भैयादूज : 27 अक्तूबर को