यूरोपीय यूनियन ने कहा- पाकिस्तान की फ्लाइट्स पर बैन जारी रहेगा; जुलाई में लगा था प्रतिबंध
नई दिल्ली। यूरोपीय यूनियन को सबसे ज्यादा दिक्कत पाकिस्तान के पायलट्स से है। इनके लाइसेंस और डिग्रियों पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं। यूरोपीय यूनियन (EU) के देशों में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) पर लगा बैन नहीं हटाया जाएगा। यूनियन ने साफ कर दिया है कि PIA 6 महीने गुजर जाने के बावजूद अपने सेफ्टी स्टैंडर्ड्स प्रोटोकॉल में कोई सुधार नहीं कर पाई है। लिहाजा, जुलाई में लगाया गया प्रतिबंध जारी रहेगा। पाकिस्तान सरकार ने इस फैसले पर अफसोस जाहिर किया है।
यह मामला जून में शुरू हुआ। तब पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर ने संसद में खुलासा किया था कि देश के 40% पायलट फर्जी लाइसेंस और डिग्री लेकर नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद कई देशों ने पाकिस्तान के पायलटों को नौकरी से निकाल दिया और कई देशों ने PIA की फ्लाइट्स पर बैन लगा दिया था।
ज्यादातर देशों में बैन
PIA पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस कंपनी है। इस पर कई साल से सवालिया निशान लगते रहे हैं। दिक्कत इसी साल जून में बढ़ी। एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने एविएशन सेक्टर पर एक रिपोर्ट संसद में पेश की। इसमें कहा गया कि देश के 40 से 45 फीसदी पायलटों के पास फर्जी लाइसेंस और डिग्रियां हैं। इसके बाद ज्यादातर देशों ने PIA की फ्लाइट्स पर बैन लगा दिया। इनमें मुस्लिम देश, यूरोपीय यूनियन और अमेरिका भी शामिल हैं।
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शर्तों पर अमल नहीं हुआ
‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, PIA की दिक्कतें खत्म नहीं हो पा रही हैं। यूरोपीय यूनियन ने 6 महीने में अपनी शर्तें पूरी करने को कहा था। लेकिन, PIA और पाकिस्तान सरकार इस बारे में जरूरी कदम नहीं उठा सकी। यूरोपीय यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने कहा- हमने जो शर्तें रखी थीं, जो स्टैंडर्ड तय करने को कहा था। उन पर अब तक पूरी तरह काम नहीं किया गया। लिहाजा, यह बैन जारी रहेगा। सही वक्त पर इसकी फिर समीक्षा की जाएगी।
कुछ सबूत भी दिए थे
EASA ने 16 नवंबर 2020 को एक करेक्टिव एक्शन प्लान PIA को सौंपा था। इसमें कहा गया था कि PIA अब भी स्टेप 1 लेवल पर है। इसमें काफी सुधार की जरूरत है। कुछ चीजों पर काम किया गया है, लेकिन अब भी काफी किया जाना बाकी है।
सबसे ज्यादा दिक्कत कहां
जियो न्यूज के मुताबिक, यूरोपीय यूनियन को सबसे ज्यादा दिक्कत पाकिस्तान के पायलट्स से है। इनके लाइसेंस और डिग्रियों पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं। ज्यादातर के बारे में कहा जाता है कि इनके पास जाली लाइसेंस और ऐसी ही डिग्रियां हैं। 22 मई को कराची के निकट हुई हवाई दुर्घटना के बाद सवाल ज्यादा उठे थे। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने तब कहा था- हालात बेहद गंभीर हैं। हम इस बारे में किसी तरह का जोखिम नहीं ले सकते। अब गेंद पाकिस्तान के पाले में है।
24 जून को पाकिस्तान की एविएशन मिनिस्ट्री ने 262 पायलट्स के लाइसेंस रद्द कर दिए थे। इसके बाद 141 पायलट्स और भी इसी घेरे में आए। कुछ के खिलाफ जांच जारी है। कुछ के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं।