नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न देने की मांग

डॉक्यूमेंट्री बनाकर नेताजी को किया याद, नौसेना का विद्रोह कारण बना देश की आजादी का

वाराणसी : “एक शख्स देश की सीमाओं से बाहर निकलता है । साठ हजार की आजाद हिंद फौज तैयार करता है और ब्रितानी हुकूमत से टकरा जाता है। अपनी करेंसी बनाता है अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम बदलकर आजाद हिंद सरकार का झंडा लहरा देता है। पैतीस हजार सैनिक अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हो जाते हैं। सत्रह हजार सैनिकों को अंग्रेज पकड़कर दिल्ली के लाल किले में लाते हैं और युद्ध अपराधी का मुकदमा चलाते हैं। यह घटना पूरे देश को झकझोर कर रख देती है। नौसेना में विद्रोह हो जाता है। तीन सौ सैनिकों को अंग्रेज गोलियों से भून देते हैं। पैतालिस सैनिकों का कोर्ट मार्शल उन्हें करना पड़ता है। सैनिकों का विद्रोह अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश करता है।”

उपरोक्त बातें पूर्व एनसीसी अधिकारी डॉक्टर मेजर अरविंद कुमार सिंह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित वृत्तचित्र के प्रदर्शन के अवसर पर शुक्रवार को सिकरौल स्थित अपने आवास पर कहा। यह पूरा वृत चित्र डॉक्टर सिंह द्वारा बनाया गया है। इसका पूरा घटनाक्रम 1945 से 1946 के बीच का है। यह वृत्तचित्र काशी दर्शन के अंतर्गत यूट्यूब पर देखा जा सकता है। कार्यक्रम में शामिल सभी व्यक्तियों ने एक स्वर से सरकार से अनुरोध करने का निर्णय लिया कि “नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न दिया जाए”। महाबोधी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कैप्टन प्रवीन कुमार श्रीवास्तव ने स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन किया इस अवसर पर लेफ्टिनेंट सारनाथ सिंह डॉक्टर मयंक सिंह, देव नारायण सिंह, महाबोधि के उपप्राचार्य गंगाराम सिंह एवं राजेश सिंह उपस्थित रहे।

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