ट्रंप के फैसले से हाफिज सईद के आतंकी संगठन की टूटेगी कमर

अमेरिकी सरकार के वैधानिक निकाय यूएस एजेंसी फार इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) से प्राप्त धन का उपयोग भारत विरोधी संगठन के वित्त पोषण में भी किया गया, जिसे खुद अमेरिकी सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया है।

पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) को वित्त पोषण का मामला ऐसे समय सामने आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्यकारी आदेश के जरिये यूएसएड को बंद करना शुरू कर दिया है।

भारत के दुश्मनों को USAID ने की फंडिंग 

एफआइएफ और लश्कर मुंबई पर 26/11 के आतंकी हमले में शामिल थे जिसमें पाकिस्तानी आतंकियों ने छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की हत्या कर दी थी। आश्चर्य की बात यह है कि आतंकी संगठनों से जुड़ी इस्लामिक धर्मार्थ संस्था को वित्त पोषण की जांच के दायरे में आने के बावजूद यूएसएड ने उसे धन जारी करना जारी रखा।

अब यूएसएड पर ट्रंप के कार्यकारी आदेश की तलवार लटक रही है, लेकिन इस कारण भारत में भी कई परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।दुनियाभर में एनजीओ को फंड करने वाली यूएसएड के लाभार्थियों में से एक एफआइएफ है।आश्चर्यजनक यह भी है कि अमेरिकी करदाताओं के पैसे का उपयोग ऐसे संगठन को वित्त पोषित करने में किया गया, जिसे अमेरिकी सरकार ने 2010 में प्रतिबंधित कर दिया था।

हाफीज सईद के संगठन को भी मिली मदद 

एफआइएफ को प्रतिबंधित करने वाले अमेरिकी विदेश विभाग के दस्तावेज के अनुसार, ‘एफआइएफ पाकिस्तान स्थित संगठन है जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा एवं उसके मानवता के मुखौटे जमात-उद-दावा (जेयूडी) से करीब से जुड़ा है। संक्षेप में एफआइएफ ही नए नाम से जेयूडी है जिसे 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों से जुड़ी जांच एवं प्रतिबंधों से बचने के लिए बनाया गया है।’ साल 2019 में USID ने आतंकवादी हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LET) को 110,000 डॉलर की मदद दी थी।अमेरिका की आधे से अधिक विदेशी सहायता यूएसएड के जरिये दी जाती है, लेकिन इस एजेंसी ने एफआइएफ पर अपनी ही सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर आंखें मूंदे रखीं।यूएसएड द्वारा एफआइएफ को सहायता मिशिगन स्थित मुस्लिम धर्मार्थ संस्था ‘हे¨ल्पग हैंड फार रिलीफ एंड डेवलपमेंट’ (एचएचआरडी) के जरिये दी गई जिसके दक्षिण एशिया में संचालित जिहादी संगठनों के साथ संबंध रहे हैं।

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