मुंबई में कांग्रेस को बड़ा झटका, महानगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष रहे रवि राजा बीजेपी में हुए शामिल!
मुंबई महानगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष रहे रवि राजा ऐन दीपावली के दिन कांग्रेस को बाय-बाय कहकर भाजपा में चले गए। खुद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस ने उन्हें भाजपा में प्रवेश करवाते हुए कहा कि रवि राजा जैसे अनुभवी नेता के आने से उनकी पार्टी को मुंबई में फायदा होगा।
सायन विधानसभा सीट पर दंगल
रवि राजा मुंबई के सायन कोलीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे। कांग्रेस ने उनके बजाय गणेश कुमार यादव को टिकट दिया। इससे नाराज होकर रवि राजा ने पार्टी छोड़ने का निर्णय किया और भाजपा में चले गए। अब वह सायन कोलीवाड़ा क्षेत्र में ही भाजपा के उम्मीदवार एवं वर्तमान विधायक तमिल सेल्वन को जिताने में तो मदद करेंगे ही, मुंबई के अन्य क्षेत्रों में भी विपक्षी दलों के गठबंधन महाविकास आघाड़ी के लिए सिरदर्द बनेंगे।
रवि राजा कहते हैं कि वह कांग्रेस में 44 साल से काम कर रहे हैं। लेकिन पार्टी ने उनकी कीमत नहीं समझी।
मुंबई महानगर में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
ग्रेस पिछले 30 वर्षों से मुंबई मनपा की सत्ता से बाहर है। देश की इस सबसे समृद्ध महानगरपालिका में नेता प्रतिपक्ष ही उसकी ताकत होता है। और पिछले 20 वर्षों में बीएमसी में उसके तीन नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस छोड़कर जा चुके हैं।
बीएमसी में सबसे लंबी अवधि 2004 से 2012 तक नेता प्रतिपक्ष रहे तेजतर्रार उत्तर भारतीय नेता राजहंस सिंह कहते हैं कि कांग्रेस अपने नेताओं की ताकत नहीं पहचानती। बीएमसी के नेता प्रतिपक्ष को पूरे महानगर की नब्ज की जानकारी होती है। कांग्रेस अपने नेताओं के ऐसे अनुभवों का कभी लाभ उठाती नजर नहीं आती। यही कारण है कि उसके नेता पार्टी छोड़कर अन्य दलों में चले जाते हैं।
कांग्रेस को कई नेता बोल चुके हैं बाय-बाय
बता दें कि खुद राजहंस सिंह भी 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए थे। उनको भाजपा ने ही 2021 में विधान परिषद की सदस्यता दी। उनके अलावा 2014 से 2016 तक बीएमसी के नेता प्रतिपक्ष रहे देवेंद्र अंबरकर 2017 में कांग्रेस छोड़कर तब की अविभाजित शिवसेना में शामिल हो गए थे। वह अब शिवसेना (यूबीटी) में हैं।
अब मुंबई के बड़े कांग्रेस नेताओं में से एक रवि राजा ने भी ऐन विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का साथ छोड़ दिया है। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि उनके साथ कई और नेता भाजपा में आए हैं, और कई आने वाले हैं। भाजपा को इन सभी के अनुभवों का लाभ मिलेगा।
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