कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को नहीं भेजा बुलावा…

कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक में शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री के मुद्दे को भी सुलझा लिया है। 20 मई को सिद्धरमैया मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे तो डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बनेंगे। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मिली बड़ी जीत से उत्साहित कांग्रेस ने शपथ ग्रहण समारोह को विपक्षी एकता के रूप में भी प्रस्तुत करने जा रही है। इसके लिए विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं और दलों को न्योता भेजा गया है। हालांकि, हाल ही में नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद विपक्ष का साथ देने की बात कह चुके आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बुलावा नहीं भेजा गया है। इसके बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक विश्लेषक इसके मायने और वजह तलाशने में जुट गए हैं।

इन नेताओं को दिया गया है न्योता
कांग्रेस ने एमके स्टालिन (तमिलनाडु) ममता बनर्जी (पश्चिम ब्रगाल), नीतीश कुमार (बिहार) , नवीन पटनायक (ओडिशा) , अशोक गहलोत (राजस्थान), सुखविंदर सिंह सुक्खू (हिमाचल प्रदेश) , भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़), के चंद्रशेखर राव (तेलंगाना) और हेमंत सोरेन (झारखंड) को निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला को भी आमंत्रित किया है। समारोह में अधिकांश आमंत्रित लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को दोपहर 12.30 बजे कांटीरवा स्टेडियम में होना है।  

आप पर नहीं भरोसा?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को भी कांग्रेस ने आमंत्रित नहीं किया है। के चंद्रशेखर राव जहां गैर-भाजपा, गैर कांग्रेसी मोर्चे बनाना चाहते हैं तो बसपा प्रमुख मायावती पर कांग्रेस भाजपा की मदद का आरोप लगाती रही है। वहीं,पार्टी सूत्रों के मुताबिक ‘आप’ को लेकर अभी कुछ आशंकाएं हैं। पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कहा था कि मौजूदा सरकार को हटाने के लिए विपक्षी एकजुटता की जरूरत है और वह साथ हैं। हालांकि, इसके कुछ दिन बाद ही ‘आप’ के बड़े नेता संदीप पाठक ने कह दिया कि उनकी पार्टी 2024 का लोकसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी। इससे पहले ‘आप’ कहती रही है कि अगले लोकसभा चुनाव में मोदी और केजरीवाल के बीच ही मुकाबला होगा। 

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