यूपी के मुख्य सचिव ने यहां से की है पढ़ाई… इस एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट ने दिए कई बड़े अफसर

राज्य सरकार ने 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह को प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया है। बीते ढाई वर्ष में तीन बार सेवा विस्तार पाने वाले निवर्तमान मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को चौथी बार सेवा विस्तार नहीं मिल सका।

उनका कार्यकाल खत्म होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) व अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) समेत कई विभागों का दायित्व संभाल रहे मनोज कुमार सिंह के नाम पर मुहर लगा दी। नए मुख्य सचिव ने रविवार को ही अपना कार्यभार भी संभाल लिया।

बता दें कि मनोज कुमार सिंह 1987 बैच के अरुण सिंघल, लीना नंदन और 1988 बैच के रजनीश दुबे को सुपरसीड करके मुख्य सचिव बने हैं। दरअसल अरुण सिंघल और लीना नंदन इस समय केन्द्रीय में तैनात हैं। जबकि रजनीश दूबे इसी सील अगस्त में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में सरकार ने मनोज सिंह को मुख्य सचिव बनाने का फैसला किया।

नए मुख्य सचिव का कार्यकाल अगले साल जुलाई तक है। मनोज सिंह मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले मझुई गांव के रहने वाले हैं। हालांकि उनकी शिक्षा-दीक्षा रांची में हुई है। मनोज सिंह को मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अफसरों में शुमार किया जाता है। वह इससे पहले वह ललितपुर, गौतमबुद्धनगर, पीलीभीत और मुरादाबाद के डीएम रह चुके हैं।

इसके अलावा ग्राम विकास आयुक्त, मुरादाबाद के मंडलायुक्त और केन्द्र में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रहे। तत्पश्चात ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नगर विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अपर मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। उनकी पहचान ”परफॉर्मर” अधिकारी की रही है। कोविड काल में उन्होंने गांवों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाई थी।

‘बीसी सखी’ योजना के क्रियान्वयन में उनका योगदान रहा। वहीं 2019 में कुंभ को ग्लोबल इवेंट बनाने के मुख्यमंत्री के प्रयासों को सफल बनाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलावा सभी 75 जिले खुले में शौच से मुक्त घोषित कराने, सबसे ज्यादा शौचालय प्रदेश में बनाने, वैश्विक निवेश सम्मेलन, ‘टेक होम राशन’ जैसी बाल विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में भी मनोज कुमार सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है।

चुनौती नहीं, अवसर मानता हूं
कार्यभार ग्रहण करने के बाद मनोज कुमार सिंह ने पत्रकारों से कहा कि इस जिम्मेदारी काे वह चुनौती नहीं, बल्कि बड़े अवसर के रूप में देखते हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशन में जनता के बेहतरी के लिए तेजी से कार्य करेंगे। वैश्विक निवेश सम्मेलन के भूमि पूजन समारोह में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश देश में पहली बार हुआ है। अब हमें निवेशकों को जमीन, आवश्यक सुविधाएं आदि मुहैया करानी हैं। ताकि जल्द लोगों को रोजगार मिल सके और प्रदेश की जीडीपी बढ़ सके।
वहीं महाकुंभ और सुव्यवस्थित, स्वच्छ और सुरक्षित माहौल में आयोजित होगा। श्रद्धालुओं को और बेहतर अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उनका प्रयास होगा कि ब्लाक, तहसील और थाना स्तर पर आमजन को सुगमता से न्याय मिल सके और उनकी समस्याओं का निष्पक्ष तरीके समाधान हो सके।

यूपी के मुख्य सचिव ने बीएचयू से की है पढ़ाई
उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पढ़ाई की है। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस से 1983-86 बैच में बीएससी की। फिर 1988 में शस्य विज्ञान (एग्रोनॉमी) में एमएससी करके आईएएस बन गए।

बीएचयू इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर के प्रो. राकेश सिंह ने बताया कि लगभग एक वर्ष पहले मनोज सिंह को प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त बनाए गए। इसके 10 दिन के अंदर ही वह बीएचयू आए और यहां कृषि वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों से मुलाकात की। यूपी में कृषि और कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने पर बात हुई। बाद में लखनऊ के योजना भवन में बीएचयू के कृषि वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया था। प्रो राकेश ने बताया कि विद्यार्थी जीवन में मनोज कुमार सिंह की कृषि में खास रुचि थी। कठिन परिश्रम करते रहे।

एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट ने दिए कई बड़े अधिकारी
बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस से कई ऐसी विभूतियों ने पढ़ाई की है, जो देश की कृषि व्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। प्रो. राकेश सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के बैच के ही प्रवीण कुमार सिंह केंद्र सरकार में कृषि आयुक्त हैं। इससे एक वर्ष सीनियर बैच के डाॅ. एके सिंह इरी में निदेशक पद पर आसीन हैं।

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