वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बढ़ाया बजट, दिल्ली-एनसीआर के लोग ले सकेंगे स्वच्छ हवा में सांस

केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण को बड़ी चिंता मानते हुए इस बार बजट बढ़ाया है। इसे राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत खर्च किया जाएगा। इससे वायु प्रदूषण से निपटने, जागरूकता व नए नियम बनाने में मदद मिलेगी। आवंटित राशि से राज्यों को स्वच्छ हवा सुनिश्चित व व्यापक योजना तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका बड़ा हिस्सा दिल्ली-एनसीआर पर खर्च होगा जिससे हर साल प्रदूषण की मार झेलने वाले करोड़ों लोग साफ हवा में सांस ले सकेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन के मुद्दे को अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों उपायों के माध्यम से बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। शहरों में प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए, यह वास्तव में एक सकारात्मक कदम है। इससे उम्मीद है कि राज्यों में प्रदूषण के स्रोतों की निगरानी में सुधार होगा। 

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने बताया कि बजट में एनसीएपी को वित्त पोषित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों व समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण की संकल्पना की गई है। लगभग 850 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 100 करोड़ रुपये अधिक हैं। इस तथ्य को रेखांकित करना अधिक महत्वपूर्ण है कि उद्योग, परिवहन और अत्यधिक उच्च टॉक्सिक उत्सर्जन करने वाले अन्य सभी दहन स्रोतों सहित प्रदूषण के सभी प्रमुख क्षेत्रों में कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। 

काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अरुणाभा घोष ने बताया कि एक सतत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बजट 2024 में कई आशाजनक प्रावधान किए गए हैं। ये न केवल देश की स्वच्छ ऊर्जा (रूफटॉप सोलर और पंप हाइड्रो स्टोरेज पर ध्यान केंद्रित करते हुए) की जरूरत को पूरा करेंगे, बल्कि वाटर ट्रीटमेंट, वायु गुणवत्ता और नदी से आने वाली बाढ़ की समस्या से उबरने के लिए विभिन्न कदमों की रूपरेखा भी तैयार करेंगे। साथ ही, यह बजट हरित औद्योगीकरण के व्यापक निहितार्थों को लक्षित करेगा। 

द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) के सीनियर फेलो आर सुरेश ने बताया कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का सरकार का फैसला सराहनीय और बेहद जरूरी कदम है। वायु प्रदूषण महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। अतिरिक्त धनराशि आवंटित कर सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। इन निधियों का उपयोग विभिन्न महत्वपूर्ण उपायों के लिए किया जा सकता है, जैसे वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को बढ़ाना, हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना, सार्वजनिक परिवहन का समर्थन करना और औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्त नियमों को लागू करना।

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