प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत इस ब्लाक का निर्माण किया जाएगा..
150 बेड के क्रिटिक्ल केयर ब्लाक को बनाने के लिए एग्जीक्यूटिंग एजेंसी तय की जाएगी जो क्रिटिक्ल केयर ब्लॉक को बनाने के लिए उसकी प्लानिंग नक्शा निर्माण कार्य और मैंटेनेंस का काम देखेगी। क्रिटिक्ल केयर ब्लाक के निर्माण कार्य के लिए सरकारी कंपनी या ठेकेदार को तीन साल का समय दिया जाएगा। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत इस ब्लाक का निर्माण किया जाएगा।
पीजीआइ अस्पताल प्रशासन की ओर से सेंट्रल पब्लिक वर्क अंडरटेकिंग (सीपीएसयू) यानी सरकारी इमारतें बनाने वाली कंपनी व ठेकेदारों से रिक्वेस्ट फार प्रोपोजल (आरएफपी) मांगा है। क्रिटिक्ल केयर ब्लाक का निर्माण करने के लिए इच्छुक सीपीएसयू तीन जुलाई दोपहर तीन बजे तक अपने आवेदन पीजीआइ की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
क्रिटिक्ल केयर ब्लॉक के निर्माण कार्य को देने के लिए जो एग्जीक्यूटिंग कंपनी तय की जाएगी। बता दें, इससे पहले पीजीआइ निदेशक प्रो. विवेक लाल और डिप्टी डायरेक्टर कुमार गौरव धवन की अध्यक्षता में इस प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी करने के लिए 26 जून को बैठक हुई थी।
प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत इस ब्लाक का निर्माण किया जाएगा। कोरोना महामारी के दौरान देश में इस प्रकार के क्रिटिकल केयर ब्लॉक की आवश्यकता बताई गई थी। जिसके बाद आज केंद्र सरकार देशभर में पीजीआइ सहित 12 से 14 सरकारी अस्पतालों में इस प्रकार के क्रिटिकल केयर ब्लाक बना रहा है।
130 करोड़ रुपये से तीन साल में होगा निर्माण
150 बेड के क्रिटिक्ल केयर ब्लाक के निर्माण कार्य के लिए सरकारी कंपनी या ठेकेदार को तीन साल का समय दिया जाएगा। रिक्वेस्ट फॉर प्रोपोजल की शर्तों में पीजीआइ ने ब्लॉक के निर्माण के लिए एस्टीमेट बजट 130 करोड़ रुपये रखा है। इसमें 26 महीने में निर्माण कार्य को पूरा करना होगा। इसके अलावा बाकी समय लायबिल्टी पीरियड के तौर पर रखा है, ताकि अगर किसी कारण कोई रुकावट आती है तो इस निर्माण कार्य को तीन साल के अंदर कर लिया जाए।
क्रिटिक्ल केयर ब्लॉक के लिए मिले 20 करोड़ रुपये
क्रिटिक्ल केयर ब्लाक के निर्माण कार्य की शुरुआत करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रायल की ओर से पीजीआइ को 20 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बता दें, कोरोना महामारी में शहर के अस्पतालों में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह प्रभावित हुआ था। साथ ही अस्पतालों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर कोरोना महामारी जैसे वैश्विक संकट से निपटने के लिए कई मानकों के तुलना में पर्याप्त नहीं था।
उस समय केंद्र सरकार के आग्रह पर पीजीआइ ने संस्थान में क्रिटिक्ल केयर ब्लाक के निर्माण की पेशकश की थी। इस ब्लाक के निर्माण पर कुल 208 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इसमें से 120 करोड़ रुपए का बजट केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा। जबकि, बाकी 88 करोड़ रुपये पीजीआइ प्रशासन अपने बजट में से लगाएगा।
ब्लॉक में यह सुविधाएं होंगी
क्रिटिकल केयर ब्लॉक में आइसीयू, आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन स्पोर्ट वाले बेड, सर्जिकल यूनिट, दो लेबर विभाग, डिलिवरी और रिकवरी रूम और नवजात बच्चों की देखभाल और उनसे जुड़ी बीमारियों के लिए अलग से विभाग रहेगा।
ब्लॉक में मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम, आक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स, एयर हैंडलिंग यूनिट्स और इंफेक्शन प्रिवेंशन कंट्रोल सिस्टम इंस्टाल किया जाएगा। यह एक मल्टी-स्पेशलिटी सेंटर होगा, जिसमें आइसीयू और स्टेप-डाउन यूनिट्स(एसडीयू) होंगी। इससे गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों को ठीक होने पर आसानी से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के प्रर्याप्त बंदोबस्त होंगे।