बड़े-बड़े धुरंधर जो न कर पाए, वो इंजीनियर भाई-बहन ने कर दिखाया

बड़े-बड़े धुरंधर जिस काम को नहीं कर पाए, उसे इंजीनियर भाई-बहन ने कर दिखाया। पढ़ेंगे तो आपके मुंह से भी जरूर निकलेगा वाह!

इंजीनियर भाई-बहन के एक विचार ने जंगल से सटे गांव में खेती की तस्वीर ही बदल दी। यह विचार कॉर्बेट पार्क में एक हाथी के जख्म को देखकर पनपा था।इसके फलस्वरूप भाई-बहन ने मिलकर बना डाला एनाइडर्स नाम का उपकरण, जो किसानों और वन्य जीवों के आपस के संघर्ष को खत्म करने रास्ता निकालता है।

अब इन गांवों में वन्य जीवों से फसलों को नुकसान होने का खतरा लगभग खत्म हो गया है और वन्य जीवों को भी कोई शारीरिक नुकसान नहीं है। गाजियाबाद कौशांबी के रहने वाले और मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर रहे अभय शर्मा अपनी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बहन स्मृतिका शर्मा और पिता मेडिकल उपकरण व्यवसायी प्रवीण शर्मा के साथ रामनगर से सटे क्यारी गांव के जंगल में घूमने आते हैं।
 

अभय ने बताया कि दो साल पहले जंगल में उन्हें जख्मी हाथी दिखा। वन विभाग के कर्मचारियों से जख्म के बारे में पूछा तो पता चला कि खेत में घुसने पर किसान ने हमला किया तो हाथी घायल हो गया। भाई-बहन किसान के पास पहुंचे तो उसने बताया कि जंगली जानवरों की वजह से खेती चौपट हो गई है।

किसान जमीनें बेचकर शहरों में नौकरी करने को लाचार हैं। उसी समय भाई और बहन ने इस समस्या के खात्मे की ठानी और वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाए बिना उन्हें खेतों से दूर खदेड़ने के उपाय खोजना शुरू किया।इस प्रयास में उन्होंने एनाइडर्स नाम का उपकरण बनाया। सौर ऊर्जा से चलने वाला यह उपकरण वन्य जीवों के खेतों की तरफ आने पर हूटर बजा कर रोशनी करता है।

इससे जानवर खेतों की तरफ न आकर वापस चला जाता है। इस उपकरण को विश्व प्रकृति निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने एक साल तक कोटाबाग के मनकटपुर में लगाया जहां सकारात्मक परिणाम मिले। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अब इस उपकरण का परीक्षण बिहार, उप्र, असम में भी करेगा।
 

टोल प्लाजा में भी लगाया जा रहा है उपकरण

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से प्रोत्साहन मिलने के बाद अब राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भी जीवों से होने वाले सड़क हादसों में इसका परीक्षण करने जा रहा है। गुड़गांव के पास टोल प्लाजा से दोनों तरफ 200-200 मीटर दूरी पर यह उपकरण लगाया जाएगा। जैसे ही कोई भी वन्य जीव आएगा तो यह उपकरण टोल सुरक्षा कर्मियों को संदेश पहुंचा देगा।

जल्द ही तैयार होंगे नए वर्जन
अभय और स्मृतिका ने बताया कि जल्द ही नए वर्जन बनाए जा रहे हैं। इसमें हर बार जानवर के आने पर अलग-अलग आवाजें आएंगी। रात को यह खुद ब खुद चालू हो जाएगा और सुबह चार्ज होगा। इसमें संदेश भेजने का फीचर जोड़ा जा रहा है जो बैट्री डाउन होने, वन्य जीव के आने पर खेत स्वामी और वन कर्मी को संदेश देगा।

 
 
Back to top button