बेनतीजा रही डॉक्टरों की बैठक, मांग पूरी होने पर खत्म होगी हड़ताल
अस्पतालों में इलाज की उम्मीद लगाए मरीजों को सोमवार को भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को एक सप्ताह बाद भी जारी रखने का फैसला लिया है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ डॉक्टर की बैठक बेनतीजा रही।
डॉक्टरों के संगठन फाइमा से अध्यक्ष डॉ. रोहन कृष्णन की अध्यक्षता में निर्माण भवन में बैठक हुई। बैठक में डॉक्टरों ने चार मांगें रखीं। इसमें प्रतिनिधिमंडल ने देशभर में स्वास्थ्य पेशेवरों की महत्वपूर्ण चिंताओं को दूर करने के लिए केंद्रीय संरक्षण अधिनियम (सीपीए) समिति की स्थापना की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही इसे लेकर अध्यादेश जारी करने का अनुरोध करते हुए गृह मंत्रालय को औपचारिक संचार करने का मांग रखी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक बेनतीजा रहने पर रविवार देर रात फाइमा ने 25 राज्यों में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के 70 प्रतिनिधियों के साथ एक अखिल भारतीय स्तर पर बैठक की। इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक मांगों का संतोषजनक ढंग से समाधान नहीं हो जाता। प्रदर्शन जारी रहेगा। सोमवार को एक बार फिर से स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक करने की योजना है।
सोमवार को अस्पतालों में फैकल्टी इलाज करेगी, लेकिन इनकी संख्या कम होने के कारण सभी को उचित इलाज मिल पाना संभव नहीं है। डॉक्टरों की माने तो जब तक अस्पताल में सुरक्षित माहौल देने के लिए ठोस कानून नहीं बन जाता, हड़ताल इसी तरह से जारी रहेगी। रविवार को एम्स, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, लेडी हार्डिंग सहित दूसरे अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने कनॉट प्लेस स्थित राजीव चौक मेट्रो स्टेशन तक विरोध मार्च निकाला। डॉक्टरों की हड़ताल के कारण पहले से प्रस्तावित सर्जरी रद्द कर मरीजों को नई तारीख लेने को बोला जा रहा है। सफदरजंग में पिता के घुटने की सर्जरी करवाने आए मुकेश ने बताया कि मंगलवार को सर्जरी होनी थी। इसके लिए शनिवार को अस्पताल में आकर रविवार को भर्ती होना था, लेकिन हड़ताल के कारण सर्जरी रद्द कर नई तारीख लेने को बोला गया है। बता दें कि एम्स सहित दूसरे अस्पतालों में 80 से 90 फीसदी सर्जरी हड़ताल के कारण प्रभावित हो गई है।
ओपीडी में लगेगा लंबा समय
सोमवार को ओपीडी में मरीजों को इलाज के लिए लंबा समय लग सकता है। अस्पताल प्रशासन की माने तो सोमवार को हड़ताल के कारण फैकल्टी इलाज देगी। ऐसे में कुछ ही कमरों में मरीजों का इलाज होगा। एम्स, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग, जीटीबी सहित दिल्ली के अस्पतालों में 60 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज करवाने आते हैं। मौजूदा समय में मौसमी बदलाव के कारण वायरल सहित दूसरे रोगों के मरीजों की संख्या भी बढ़ी हुई है।
डॉक्टरों के साथ नोकझोंक का आरोप
मदन मोहन मालवीय, डॉ. राम मनोहर लोहिया और डाॅ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में शनिवार देर रात डॉक्टरों से नोकझोंक की घटना सामने आई। डॉक्टरों ने इन तीनों मामले में मामला दर्ज करने की बात रखी। डॉक्टरों ने बताया कि मदन मोहन मालवीय में इलाज के दौरान परिजनों ने जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट की। वहीं आरएमएल में मरीज छुट्टी होने के बाद भी भर्ती होने की जिद कर रहे थे, इस पर डॉक्टरों के साथ तीखी बहस हो गई। वहीं अंंबेडकर अस्पताल में इलाज को लेकर डॉक्टर और मरीज के बीच तीखी बहस हुई।
कोलकाता की घटना अति संवेदनशील, दोषियों को मिले कड़ी सजा : संजय
आप सांसद संजय सिंह ने कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में यौन हिंसा के बाद महिला डॉक्टर की हत्या को बेहद संवेदनशील बताया है। उन्होंने दोषियों को सख्त सजा देने की वकालत की है। सिंह ने रविवार को कहा कि दोषियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो देश में एक नजीर बने। यह घटना हर किसी को परेशान करने वाली है। सीबीआई इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लेकर जाए और दोषियों को बेहद सख्त सजा दिलवाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ हो रही यौन हिंसा के खिलाफ पूरे देश में एक व्यापक जागरूकता अभियान चलना चाहिए और राजनीतिक दलों को भी ऐसे मामलों में अपनी संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए।