यूपी के सहारनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के छोटे भाई सचिन वालिया की मौत के बाद शहर में तनाव फैल गया। वालिया की मौत से पीड़ित परिवार सदमे में है। जबकि शहर के हालात ठीक नहीं है। जिलेभर में पुलिसफोर्स तैनात की गई, यही नहीं इंटरनेट सेवाएं भी रोक दी गई।
महाराणा प्रताप जयंती पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुधवार को रामनगर में भीम आर्मी जिलाध्यक्ष कमल वालिया के छोटे भाई सचिन वालिया की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई। जिला अस्पताल में शव मोर्चरी में रखने को लेकर पुलिस और परिजनों में कई दौर की धक्का-मुक्की हुई। परिजनों ने राजपूत समाज के युवकों पर हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर आए डीएम, एसएसपी और कांग्रेस विधायक नरेश सैनी को प्रदर्शनकारियों का विरोध झेलना पड़ा।
उधर, पुलिस-प्रशासन ने जांच के बाद घटना को संदिग्ध करार दिया। घटना के बाद तनाव को देखते हुए जिले में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई। इसके अलावा महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम को भी प्रशासन ने स्थगित करा दिया। स्कूलों में समय से पहले छुट्टी करा दी गई। वहीं पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। आसपास के जिलों से भी फोर्स मंगाई गई है। आरआरएफ तैनात कर दी गई है।
देहात कोतवाली क्षेत्र गांव रामनगर निवासी भीम आर्मी जिलाध्यक्ष कमल वालिया के छोटे भाई सचिन वालिया (25) को बुधवार पूर्वाह्न संदिग्ध हालात में गोली लग गई। लहूलुहान हालत में सचिन को कमल वालिया आदि जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने सचिन को मृत घोषित कर दिया। वालिया के भाई को गोली लगने की खबर मिलते ही सनसनी फैल गई।
एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह कई थानों की फोर्स के साथ अस्पताल आ गए। यहां पर सचिन का शव कब्जे में लेने को लेकर पुलिस और समर्थकों में धक्का-मुक्की हुई। इसी बीच डीएम पीके पांडेय और एसएसपी बबलू कुमार ने भी अस्पताल पहुंचकर पीड़ित परिवार को कार्रवाई का भरोसा दिया, मगर भीम आर्मी समर्थकों ने दोनों अधिकारियों पर आरोपों की झड़ी लगा दी।
इस दौरान काफी देर तक पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी होती रही। इसी बीच पुलिस ने फिर से शव को मोर्चरी में रखने का प्रयास किया तो भीम आर्मी समर्थक आक्रोशित हो गए। शव को लेकर पुलिस और उनके बीच खींचतान हो गई। पुलिस ने शव को किसी प्रकार मोर्चरी में रखवाया। देर शाम तक जिला अस्पताल में हंगामा होता रहा।
भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया का आरोप है कि उसके भाई की हत्या साजिश की तहत की गई है। भाई सचिन सुबह के समय गांव में सामान लेने गया था। उसी समय सचिन की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। काफी समय से राजपूत समाज के लोग उनकी और पारिवारिक सदस्यों की जान के दुश्मन बने हुए हैं। उन्हें लगातार धमकी भी मिल रही थी।
मंडलायुक्त चंद्र प्रकाश त्रिपाठी और पुलिस उप महानिरीक्षक शरद सचान ने बताया कि पूरे रामनगर क्षेत्र में कड़े सुरक्षा प्रबंध थे। अब तक की जांच में गोली मारने की पुष्टि नहीं हुई है। सचिन वालिया को घर के पास गोली संदिग्ध परिस्थितियों में लगी है।
जिलाधिकारी पीके पांडेय और एसएसपी बबलू कुमार की मौजूदगी में फोरेंसिक टीम ने मौके से सड़क से खून धोने के साक्ष्य भी जुटाए हैं। आला अफसरों ने अपनी बात समर्थन करते हुए वीडियो भी मीडिया को जारी की है। एक फुटेज में वालिया के घर की सड़क पर खून की बूंदें दूर तक दिखाई दे रही हैं, जबकि दूसरे फुटेज में पूरी गली को पानी डालकर धोया गया है।
जिलाधिकारी और एसएसपी को शाम को अस्पताल बुलाकर मृतक सचिन वालिया की मां कांति वालिया की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि महाराणा जयंती कार्यक्रम में आ रहे युवकों ने भाई सचिन वालिया की अंबेडकर चौक के पास गोली मारकर हत्या कर दी।एसपी सिटी प्रबल प्रताप सिंह के अलावा महाराणा जयंती की अनुमति देने वाले अधिकारी को गिरफ्तार कर हत्या का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई। शेर सिंह राणा, कान्हा राणा दीपक रायपुर, नागेंद्र राणा और उपदेश राणा पर भड़काऊ भाषण देने और घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है। महाराणा प्रताप के नवनिर्मित भवन को सीज करने, मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है।