वायुसेना देगी दुश्‍मन को मुंहतोड़ जवाब! जल्द उड़ान भरेगा LCA Mark-2

डीआरडीओ की ओर से स्वदेशी रूप से विकसित बहुउद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू जेट एलसीए एएफ मार्क-2 को 2025 तक भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा। एयरोनाटिक्स डेवलपमेंट अथारिटी एजेंसी बेंगलुरु के एक कर्मचारी वाजी राजपुरोहित ने बताया कि वायुसेना ने हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड से कुल 324 तेजस विमान खरीदने की योजना बनाई है, जिसमें एलसीए एएफ मार्क-2 भी शामिल है।

यह मिसाइल एप्रोच चेतावनी प्रणाली जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों से लैस है। उम्मीद है कि अगले दशक में एलसीए मार्क-2 मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 जैसे पुराने विमानों की जगह ले लेगा।

एलसीए को 2003 में दिया गया ‘तेजस’ नाम

भारतीय रक्षा प्रयोगशाला द्वारा विकसित तेजस को पहली बार 1980 के दशक में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह एक सिंगल-इंजन डेल्टा विंग, मल्टी-रोल लाइट फाइटर है, जिसे हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर के सहयोग से डिजाइन किया गया है। एलसीए को आधिकारिक तौर पर 2003 में तेजस नाम दिया गया था। इसे लड़ाकू श्रेणी में सबसे छोटा और हल्का विमान माना जाता है।

क्या है इसकी खासियत?

वायु सेना के पायलट ने एआइ-संचालित विमान निरीक्षण प्रणाली विकसित कीएएनआइ के अनुसार, भारतीय वायु सेना एमसीसी के एसयू-30 एमकेआइ पायलट स्क्वाड्रन लीडर भटकरे ने एआई-संचालित विमान निरीक्षण प्रणाली विकसित की है। यह सुविधा उन दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगी, जो पहले मानवीय त्रुटियों के कारण होती थीं।

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