राम नाम लिखे चांदी के बेल पत्र से हुआ बाबा महाकाल का शृंगार

चैत्र कृष्ण पक्ष दशमी तिथि पर भक्तों ने चांदी के बेलपत्र और त्रिपुंड से सजे बाबा महाकाल के दर्शन किए। इस दौरान नई दिल्ली से आए श्रद्धालु सुरेश कुमार अत्री ने बाबा महाकाल को रजत मुकुट दान किया।
बाबा महाकाल के प्रांगण में सोमवार को कालों के काल बाबा महाकाल भस्म आरती के दौरान भस्म रमाकर शृंगारित हुए। इस दौरान उन्होंने चांदी के बेलपत्र और त्रिपुंड लगाकर हजारों श्रद्धालुओं को दर्शन दिए। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज चैत्र कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि में सोमवार सुबह 4 बजे हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल का शृंगार करने के बाद फिर उन्होंने भस्म रमाई।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि चैत्र कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर आज बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। उसके बाद सबसे पहले भगवान को ठंडे जल से स्नान करवाकर दूध, दही, शहद, शक्कर, घी आदि पंचामृत से स्नान कराया गया और प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया।
पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकाल का आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। भक्तों ने बाबा महाकाल की भक्ति में लीन होकर इस शृंगार के दर्शन किए और जय श्री महाकाल का उद्घोष करने लगे। उसके बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई और फिर कपूर आरती की गई।
रजत मुकुट दान किया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में नई दिल्ली से भगवान के दर्शन हेतु पधारे सुरेश कुमार अत्री द्वारा पुजारी अर्पित शर्मा की प्रेरणा से श्री महाकालेश्वर भगवान को एक नग रजत (चांदी) मुकुट भेट किया गया। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की द्वारा प्राप्त कर दानदाता का सम्मान कर विधिवत रसीद प्रदान की गई।