अधिकारियों को लेकर सीएम योगी का एक्शन, इस वजह से मांगी लिस्ट

उत्तर प्रदेश में अब नौकरशाही में बड़ा फेरबदल होने के आसार हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन अधिकारियों की सूची मांगी है, जिन्होंने कथित तौर पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं की शिकायतें सुनने और समाधान करने से इनकार कर दिया था। यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री ने खुले तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए नौकरशाहों के खिलाफ कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश तब दिया, जब बुधवार शाम सहारनपुर में पुलिस लाइन में विधायकों और अन्य स्थानीय नेताओं के साथ बैठक के बाद भाजपा के कुछ नेताओं ने शिकायत की थी कि जिले के कुछ अधिकारियों ने उनकी बात नहीं मानी, जिस कारण सार्वजनिक कार्य बाधित हो रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसे अधिकारियों की सूची उन्हें उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी या व्यक्ति का काम अगर जायज है तो किया जाना चाहिए।

नेताओं को सिफारिश की नहीं जरुरत, सीधे करे हेल्पलाइन नंबर डायल: सीएम 

इसी के साथ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘किसी भी भाजपा कार्यकर्ता को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे किसी सिफारिश की जरूरत है। वह हेल्पलाइन नंबर डायल कर सकता है, मुख्यमंत्री के पोर्टल पर लिख सकता है और अगर उसकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वह सीधे मुझे लिख सकता है।’ सहारनपुर में पार्टी के एक नेता ने गुरुवार को बताया, ‘मुख्यमंत्री ने पहली बार हमारी भावनाओं को शांत किया है। हमें विश्वास है कि नौकरशाहों को संदेश मिलने से अब स्पष्ट है और अधिकारी पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायतों को दूर करना शुरू कर देंगे।’

कई भाजपा नेता पुलिस के रवैये से है नाराज 

वही, पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों का रवैया भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी का एक प्रमुख कारण है। भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ने कहा, ‘इंस्पेक्टर, एसएचओ, डिप्टी एसपी किसी भी मुद्दे पर विचार नहीं करते हैं। यह न केवल हमारे लिए अपमानजनक है, बल्कि उन लोगों के लिए भी दुख की बात है, जिनकी शिकायतों का समाधान नहीं किया जाता। हमने बार-बार इसे अपने स्थानीय नेताओं और मंत्रियों के संज्ञान में लाया है और हमें खुशी है कि मुख्यमंत्री ने आखिरकार इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।’

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