2018 में विदेशी मैदानों पर कल होगी टीम इंडिया की असली परीक्षा

विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम पिछले तीन वर्षों से शानदार प्रदर्शन कर रही है। टीम ने भले ही लगातार 9 टेस्ट सीरीज के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली, लेकिन उसकी असली परीक्षा अभी बाकी है। भारत ने इस रिकॉर्ड के दौरान अधिकांश सफलता एशियाई (मोटेतौर पर घरेलू और श्रीलंकाई) पिचों पर हासिल की है। अब उसे 2018 में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है, जहां उसका रिकॉर्ड बहुत खराब है। यदि इन देशों में विराट के जांबाज सफल रहे तो सही मायनों में भारतीय टीम नंबर वन कहलाएगी। विदेशी मैदानों पर कल होगी टीम इंडिया

मनमाफिक पिचों, घरेलू ‍परिस्थितियों और समर्थकों की हौसला-अफजाई के चलते अधिकांश टीमें अपने घर में शेर साबित होती हैं। उसी टीम को श्रेष्ठ माना जाता है तो विपक्षी टीम को उसी के घर में जाकर पराजित करे। इस लिहाज से टीम इंडिया के सामने अगले वर्ष सबसे कठिन चुनौती रहेगी, क्योंकि भारत अभी तक द. अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है। द. अफ्रीका में वह 6 सीरीज और ऑस्ट्रेलिया में 11 सीरीज खेला है, लेकिन सफलता उससे दूर ही रही है। इंग्लैंड में भी वह 17 सीरीज में से मात्र 3 जीतने में सफल रहा।

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गेंदबाजों की मददगार पिचों पर भारतीय तेज गेंदबाज विपक्षी शीर्षक्रम के बल्लेबाजों को तो कई बार जल्दी आउट कर देते हैं, लेकिन विपक्षी टीम के पुछल्ले बल्लेबाज टिककर खेलते हुए उपयोगी रन बना देते हैं जो भारत के लिए भारी साबित होते हैं।

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