Taylor Swift की सगाई की अंगूठी से क्यों जुड़ रहा भारत का नाम

सोशल मीडिया पर टेलर स्विफ्ट और ट्रैविस केल्सी की सगाई की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। टेलर की अंगूठी का भारत से खास कनेक्शन है। उनकी अंगूठी में जड़ा हीरा पुरानी खदान का है। विशेषज्ञों के अनुसार इस शानदार अंगूठी की कीमत लगभग 4.8 करोड़ रुपए है। अटकलें हैं कि यह हीरा 18वीं-19वीं शताब्दी में भारत की खदानों से निकला था जब भारत रत्नों का बड़ा स्रोत था।

सोशल मीडिया पर हर तरफ टेलर स्विफ्ट और ट्रैविस केल्सी की सगाई की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है। अपनी इनगेजमेंट के साथ ही कपल ने अपनी कल स्टोरी को ऑफिशियल कर दिया है। पॉप क्वीन और एनएफएल स्टार ने हाल ही में सगाई की और अपनी इस खुशी को फैंस के साथ शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर अपनी कुछ तस्वीरें भी पोस्ट कीं।

इन तस्वीरों में कपल साथ में बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है, लेकिन जिस चीज से सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा, वह टेलर की सगाई की अंगूठी थी। फैंस उनकी इस खूबसूरत रिंग से नजर नहीं हटा पा रहे हैं। उनकी यह रिंग न सिर्फ बेहद खूबसूरत है, बल्कि काफी खास भी है। दरअसल, उनकी इस अंगूठी का भारत से खास कनेक्शन है। आइए जानते हैं उनकी अंगूठी और भारत से इसके कनेक्शन के बारे में-

क्यों खास है यह रिंग
उनकी अंगूठी में लगा यह चमकदार हीरा एक पुरानी खदान का शानदार मास्टरपीस है, जिसे एंटीक कुशन हीरा भी कहा जाता है। बात करें इसके वजन की, तो इसका वजन 7-10 कैरेट के बीच होता है। इसे 18 कैरेट पीले सोने में जड़ा गया है और इसमें हाथ से उकेरी गई बारीकियां हैं।

कितनी है रिंग की कीमत
खूबी जानने के बाद अब बात करते हैं इसकी कीमत की। हालांकि, टेलर स्विफ्ट ने खुद को अपनी सगाई की इस अंगूठी की कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी, लेकिन अगर एक्टपर्ट्स की मानें, तो उनकी इस शानदार अंगूठी कीमत लगभग 4.8 करोड़ रुपए यानी 550,000 अमेरिकी डॉलर है।

क्या है अंगूठी का भारत से कनेक्शन?
दरअसल, अंगूठी में जड़े इस हीरे को देख यह अटकलें लगाई जा रही है कि यह एक पुरानी खदान की देन है। इस हीरे की यह शैली 18वीं और 19वीं शताब्दी की है, जब भारत दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के मशहूर होने से भी पहले दुनिया के सबसे बेशकीमती रत्नों का एक बड़ा सोर्स था।

द जुगरनॉट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 2,000 वर्षों तक, वर्तमान आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध गोलकुंडा क्षेत्र से हीरे आते थे, जिसने पूरी दुनिया में हीरे के व्यापार पर राज किया था। ये पत्थर या रत्न कृष्णा और गोदावरी घाटियों के किनारे, कोल्लूर और अन्य खनन स्थलों के पास नदी तल और गुफाओं से निकाले जाते थे।

गोलकुंडा से निकलने वाले ये हीरे न सिर्फ सुंदर थे, बल्कि वे पौराणिक भी थे। इस क्षेत्र में पाए जाने वाले ये अनमोल पत्थर, रासायनिक रूप से सबसे शुद्ध हीरे, अपनी ट्रांसपिरेंसी और चमक के लिए मशहूर हैं। इस हीरे को भारत से जोड़कर इसलिए भी देखा जा रहा है, क्योंकि कोहिनूर और होप जैसे इतिहास के कुछ मशहूर डायमंड भारत में ही पाए गए थे। हालांकि, बाद में यह हीरे भारत की जगह यूरोपीय ताजों और संग्रहालयों में पहुंच गए

क्या सच में अंगूठी पर है भारत का हीरा?
ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सच में टेलर स्विफ्ट की अंगूठी का हीरा भारत की खदानों से निकला है? ऊपर बताए गए इतिहास को जानने के बाद जब आप किसी अंगूठी पर “प्राचीन कुशन” या “पुरानी खदान” का पत्थर देखते हैं, तो गोलकुंडा की चर्चा स्वाभाविक रूप से होती है। बात करें टेलर स्विफ्ट की अंगूठी में लगे हीरे की, तो ऐसा हो सकता है कि यह हीरा आंध्र प्रदेश की ऐतिहासिक खदानों से निकला हो, क्योंकि इस हीरे की समयरेखा मेल खाती है, शैली सटीक बैठती है और इतिहास इस बात को और भी रोमांचक बनाता है।

हालांकि, अभी इस बात की पुष्टि करना गलत होगा, क्योंकि जब तक कोई मूल प्रमाण पत्र, अभिलेखीय रिकॉर्ड या रत्न प्रयोगशाला रिपोर्ट सामने नहीं आती, यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि हीरा भारत से है या नहीं, लेकिन दुनिया को कई नायाब हीरे देने वाले भारत के लंबे इतिहास को देखते हुए, इस अंगूठी से भारत का नाम जुड़ना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

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