जोधपुर एयरबेस में ‘तरंग शक्ति’ युद्धाभ्यास शुरू
पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान के जोधपुर में शुक्रवार से भारतीय वायुसेना के ऐतिहासिक बहुराष्ट्रीय अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ युद्धाभ्यास शुरू हुआ। आज से 14 सितंबर तक चलने वाले युद्धाभ्यास में अमेरिका, जापान, ग्रीस, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, यूएई एयरफोर्स अपने करतब दिखाएंगी। सभी देशों के तकरीबन 800 से अधिक वायु सैनिक इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष वीआर चौधरी और मुख्य देशों के एयरफोर्स चीफ एक-दूसरे के साथ लड़ाकू विमान साझा करेंगे। यह भारत में आयोजित होने वाला पहला बहुराष्ट्रीय अभ्यास है, जिसमें विभिन्न देशों के लड़ाकू विमानों ने जोधपुर के आसमान में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया।
अभ्यास का उद्घाटन भारतीय वायुसेना के वाइस चीफ, एयर मार्शल एपी सिंह ने किया। इस मौके पर वायुसेना के कई वरिष्ठ अधिकारी, जिसमें एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी और एयर ऑफिसर व कमांडिंग चीफ भी शामिल थे, उपस्थित थे। इस चरण की कमान एयर कमांडर एस के तेलियान को सौंपी गई है, जिन्होंने इस अभ्यास को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जोधपुर एयर बेस से 600 उड़ानें भरी जाएंगी
वायुसेना के अधिकारियों के अनुसार इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य विभिन्न देशों के वायुसेना बलों के बीच सामरिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें भारत, अमेरिका, जापान, फ्रांस, ग्रीस, ऑस्ट्रेलिया, यूएई, और श्रीलंका की वायुसेनाओं ने हिस्सा लिया है, जबकि 20 अन्य देशों को भी इसमें शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। जोधपुर एयर बेस से इस दौरान लगभग 600 उड़ानें भरी जाएंगी, जिनमें से अधिकांश युद्ध अभ्यास और सामरिक मिशनों पर केंद्रित होंगी।
12 सितंबर को होगा मुख्य आयोजन
12 सितंबर को होने वाले मुख्य आयोजन में सभी देशों के एयर चीफ उपस्थित रहेंगे, जो इस अभ्यास को और भी महत्वपूर्ण बनाएगा। इस दौरान विभिन्न देशों के लड़ाकू विमान, जिनमें राफेल, सुखोई 30 एमकेआई, अमेरिका का एफ 16 फाइटिंग फाल्कन, ऑस्ट्रेलिया का एफ ए 18 सुपर हॉर्नेट, जापान का एफ2, और अमेरिका का ए 10 थंडरबोल्ट शामिल हैं, जोधपुर के आसमान में गर्जना करेंगे।
स्वदेशी हथियारों की प्रदर्शनी
इस अभ्यास के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निर्मित स्वदेशी हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें भारत की रक्षा क्षमताओं और आत्मनिर्भरता का प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शनी में भारत के विभिन्न उन्नत हथियार और तकनीकी नवाचारों को दर्शाया जाएगा, जो भारतीय रक्षा तंत्र की मजबूत नींव को उजागर करेंगे। इस अभ्यास के दौरान कई महत्वपूर्ण गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिसमें कॉम्बेट मिशन, लॉर्ज फोर्स एंगेजमेंट, हवा से हवा में ईंधन भरना, कॉम्बेट सर्च एंड रेस्क्यू, और मिक्स फॉर्मेशन जैसी जटिल और सामरिक प्रक्रियाएं शामिल होंगी। यह सभी गतिविधियां विभिन्न वायुसेनाओं के बीच बेहतर सामंजस्य और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की जा रही हैं।