बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर बम बम हुए तमिल मेहमान

काशी तमिल संगमम में उत्तर और दक्षिण के लोक नृत्य ने बांधा समा, कर्नाटक स्टेट के श्रद्धालुओं ने भी संगमम का खूब लुत्फ उठाया

सुरेश गांधी

वाराणसी : काशी-तमिल संगमम में भाग लेने सातवें दल ने भी काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन किया। सभी मेहमानों का डमरु की ध्वनि और पुष्प की वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। स्वागत से अभिभूत महमान भावविभोर हो गए। इस दौरान उन्हें अन्नपूर्णा रसोई में भोजन कराया गया। इसके बाद मां गंगा की आरती में शामिल हुए। उधर, एम्फीथिएटर बीएचयू में आयोजित काशी तमिल संगमम में सांस्कृतिक संध्या में तमिलनाडु से पधारे कलाकारो के समूह द्वारा गायन वादन एवं नृत्य की मनोहारी एवं प्रभावशाली प्रस्तुति की। कार्यक्रम में उत्तर और दक्षिण के लोक नृत्य ने समां बांध दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आईपीएस अधिकारी अन्नामलाई ने कहा कि दक्षिण भारत के हर एक भारतीय के अंदर गर्व है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना से काशी के धरती पर काशी तमिल संगमम कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

कुल सात प्रस्तुतियों में कलाकारों पे भगवान कृष्ण के भक्तिमय गीतों एवं फोग डांस, पंजाबी गीत, हरियाणवी गीतके बीच नाटक की प्रस्तुतियों ने श्रोताओं के अंदर देशभक्ति की भावना से भर दिया। कार्यक्रम की सप्तम प्रस्तुति कलईमामणि बिनेश महादेवन द्वारा चेन्नई ने पहुंची कलाकारों ने भरतनाट्यम् की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की अष्टमी प्रस्तुति श्री. वीरा शंकर द्वारा वालपाक्कुडी तंजावुर से आए कलाकारों ने लोक संगीत की प्रस्तुति की कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति ऐतिहासिक नाटक (शिव पुराणम, रामायणम और महाभारतम) पर आधारित रहा इसकी प्रस्तुति कलैननमनि श्री.एन.सथियाराज, कनाई, विलुप्पुरम द्वारा की गई इस मंचन के माध्यम से भगवान शिव के विभिन्न ने लीलाओं का मंचन किया गया इस प्रस्तुति के बाद सभागार में मौजूद लोगों ने जोरदार हर हर महादेव का नारा लगाया। उधर, कर्नाटक के पिलग्रीम्स के विजयपुर से आएं दर्शनार्थियों ने भी काशी तमिल संगमम का भरपूर आंनद लिया। बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन भी किया।

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