आरुषि मर्डर में 4 साल बाद तलवार दंपती जेल से रिहा, CBI कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद

नोएडा.आरुषि-हेमराज मर्डर केस में बरी हुए तलवार दंपती (राजेश और नूपुर) 4 साल बाद सोमवार को डासना जेल से बाहर आए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 अक्टूबर को आरुषि के पेरेंट्स को बरी कर दिया था। जेल प्रशासन को कोर्ट का ऑर्डर न मिलने से तलवार दंपती की रिहाई में 3 दिन की देरी हुई। सीबीआई कोर्ट से रिलीज ऑर्डर जारी होने के बाद राजेश के भाई और वकील शाम को जेल पहुंचे। तलवार दंपती नवंबर, 2013 से गाजियाबाद की जेल में बंद थे। इससे पहले तलवार दंपती ने कहा था कि वे हर 15 दिन में कैदियों की जांच के लिए डासना जेल आएंगे।आरुषि मर्डर में4 साल बाद तलवार दंपती जेल से रिहा, CBI कोर्ट ने सुनाई थी उम्रकैद

तलवार ने फ्री में कैदियों का चेकअप किया…

– डासना जेल के जेलर दधिराम मौर्य ने कहा कि तलवार दंपती ने जेल में कैदियों का फ्री में चेकअप किया। अगर वे पैसे लेते तो उनकी फीस करीब 49,500 रुपए होती।
– “तलवार दंपती कैदियों के चेकअप के लिए नियमित रूप से जेल आते रहेंगे। कोर्ट सोमवार को दो दिन की छुट्टी के बाद खुला है। आज उनकी रिहाई की संभावना है।”

कई कैदियों की दांतों की बीमारी ठीक की

– डासना जेल के डॉक्टर सुनील त्यागी ने कहा, “तलवार दंपती ने जेल के डेंटल डिपार्टमेंट में कई कैदियों को दांत की बीमारी से उबरने में मदद की थी। उनके जाने के बाद हम अपने डेंटल डिपार्टमेंट के फ्यूचर को लेकर चिंतित हैं। तलवार दंपती ने हमें भरोसा दिलाया है कि वे हर 15 दिनों में जेल में अपने साथी कैदियों के चेकअप के लिए आएंगे।”
– डॉ. त्यागी ने बताया कि कैदियों के अलावा राजेश और नूपुर तलवार ने जेल के स्टाफ, पुलिस ऑफिशियल्स और उनके बच्चों का भी इलाज किया। जब से तलवार यहां आए थे, उन्होंने हजारों कैदियों को ठीक किया और वे सभी मरीज कैदी उनकी सर्विस से खुश हैं।
– बरी होने का आदेश आने के बाद तलवार दंपती से सलाह-मशविरा करने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जेल सोर्सेस का कहना है कि राजेश तलवार के भाई दिनेश तलवार ophthalmologist हैं। वे भी हर 15 दिन में अपनी टीम के साथ जेल में मरीजों को देखने आएंगे।

सशर्त है तलवार दंपती की रिहाई

– तलवार दंपती की जेल से रिहाई का हाईकोर्ट का आदेश सशर्त है। सीबीआई जज के आदेश को रद्द कर इन्हें संदेह का फायदा देते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि तलवार दंपती की रिहाई तभी संभव हो सकेगी, जब वे किसी अन्य मामले में वांछित न हों। रिहाई से पहले इन्हें आईपीसी के सेक्शन 437 ए के प्रोविजन्स का भी पालन करना होगा।
– सेक्शन 437 ए को 31 दिसंबर 2009 से प्रभावी किया गया है। इसे आईपीसी में प्रभावी बनाने के लिए होम मिनिस्ट्री ने 30 दिसंबर 2009 को नोटिफिकेशन जारी किया था। इस सेक्शन के तहत मुलजिम को ट्रायल कोर्ट के सामने बेल बॉन्ड और सिक्युरिटी भरना होगा, जिसके सही पाए जाने पर ही दंपती की डासना जेल से रिहाई होगी।

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क्या है मामला?

– मई 2008 में नोएडा के एक घर में आरुषि और उसके नौकर हेमराज की डेड बॉडी पाई गई थी। गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट इस मामले की सुनवाई की थी। 
– एडिशनल सेशन जज श्यामलाल यादव ने मशहूर डेंटिस्ट राजेश और नूपुर तलवार को परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर दोषी माना था।
– जस्टिस यादव ने 28 नवंबर 2013 को तलवार दंपती को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
– 12 अक्टूबर, 2017 को हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट का फैसला पलटते हुए तलवार दंपती को बरी कर दिया।

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