तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. को नगरीय विकास कर एवं फायर सेस जमा कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली..

जिस पर नगर निगम प्रशासन की ओर से जबाव पेश किया गया था।तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. को नगरीय विकास कर एवं फायर सेस जमा कराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ संपत्ति धारक द्वारा सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में याचिका प्रस्तुत की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारीज कर, संपत्ति धारक को एक सप्ताह के भीतर बकाया राशि जमा करवाने के आदेश दिए थे। वहीं संचालकों ने बुधवार को ही 13 लाख 68 हजार 643 राशि का चेक जमा करवा दिया है।

तालेड़ा स्क्वायर संचालकों ने नगरीय विकास कर एवं फायर सेस वसूली मामले में स्टे ऑर्डर के लिए अंतरिम याचिका 13 अप्रेल 2023 को हाई कोर्ट में प्रस्तुत की थी। जिस पर नगर निगम प्रशासन की ओर से जबाव पेश किया गया था। राजस्थान उच्च न्यायालय में नगर निगम द्वारा जबाव पेश किए जाने के पश्चात तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. के संचालक को एक माह के भीतर बकाया नगरीय विकास कर एवं फायर सेस जमा कराने के आदेश प्रदान किए गए थे।आदेश में उल्लेख है कि संचालकों द्वारा बकाया कर जमा नहीं करवाने पर नगर निगम को उचित कार्यवाही करने एवं संपत्ति पुन: सीज किए जाने के लिए स्वतंत्र है।

7 अप्रेल को निगम ने की थी कार्यवाही

नगर निगम ने 7 अप्रेल 2023 को नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा ( 101, 102 तथा 103 ) के तहत कार्यवाही करते हुए नगरीय विकास कर की राशि 13 लाख 68 हजार 643 रूपये जमा नहीं कराने पर गांधी भवन चौराहा स्थित तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. की छठी एवं सातवीं मंजिल पर बने होटल के 17-17 कमरों को एवं रूफ टॉप रेस्टोरेंट को आंशिक रूप से सीज किया गया था। उल्लेखनीय है कि रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण ( आरएलडीए ) से तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. ने वर्ष 2015 में भूमि लीज पर ली थी। लीज धारकों ने भवन निर्माण नियमों का उल्लंधन करते हुए व्यवसायिक भवन निर्माण का मानचित्र भी नगर निगम से स्वीकृत नहीं करवाया और ना ही फायर की एनओसी ली थी। जबकि पूर्व में जांच के दौरान मौके पर फायर उपकरण भी खराब पाए गए थे। नगर निगम ने नगरीय विकास कर एवं फायर सेस जमा करवाने हेतु कई बार नोटिस भी दिए गए थे। रेलवे के दिनांक 21मार्च 23 के पत्र के अनुसार नगर निगम को कर वसूली कार्यवाही के लिए स्वतंत्र है। रेलवे के तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. के अनुबंध बिन्दू के अनुसार आरएलडीए की लीज शर्तों के तहत पट्‌टाधारक को नगर पालिका कर सहित अन्य करों का भुगतान करना होगा। वहीं रेलवे के 21 मार्च 23 के पत्र के अनुसार निगम कर वसूली की कार्यवाही के लिए स्वतंत्र है।

चेक जमा होने पर निगम ने किया था सीज मुक्त

तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. द्वारा नगर निगम में बकाया राशि का चेक जमा कराया था। निगम प्रशासन द्वारा चेक जमा हो जाने के पश्चात 17 अप्रेल को इसे सीज मुक्त कर दिया गया था। लेकिन 19 अप्रेल को तालेड़ा स्क्वायर प्रा. लि. द्वारा नगर निगम को नगरीय विकास कर बावत जमा कराया गया चेक बाउंस हो गया था। इस पर निगम ने कार्यवाही करते हुए एनआईए का नोटिस जारी किया था। उल्लेखनीय है कि लीज धारक संचालक को राजस्थान उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली थी।

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