यूपी में स्वाइन फ्लू ने दी दस्‍तक, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अस्पतालों को दिए निर्देश…

प्रदेश में स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों को देखते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी मेडिकल कालेजों व जिला अस्पतालों में 10 बेड का अलग स्वाइन फ्लू वार्ड बनाने के निर्देश दिए।

यूपी में स्वाइन फ्लू की दस्‍तक, 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगे अस्‍पताल

  • चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्‍होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए टेमीफ्लू सहित अन्य जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों।
  • अगर दवाएं न हों तो इसका समय रहते इंतजाम किया जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों का बेहतर उपचार किया जाए।
  • स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीजों के सैंपल लेकर उन्हें आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था की जाए।
  • सैंपल लेने व उपचार के कार्य में लगे डाक्टरों व कर्मियों के लिए पीपीई किट इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
  • उन्होंने सभी मेडिकल कालेजों व अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वह 24 घंटे अलर्ट रहें। मरीजों को इलाज के लिए दौड़ाया न जाए।

उप मुख्यमंत्री एवं स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ब्रजेश पाठक समय समय पर अस्‍पतालों और अध‍िकार‍ियों को स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍थाओं में सुधार के न‍िर्देश देते रहते हैं। पूर्व में डि‍प्‍टी सीएम ने कहा था क‍ि मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए उनके बेड की प्रतिदिन चादर जरूर बदली जाए। उप मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) व सभी अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों (सीएमएस) को निर्देश देते हुए कहा था क‍ि हर दिन के हिसाब से अलग-अलग रंग की चादर बिछाया जाना तय क‍िया जाए और इस व्‍यवस्‍था को सभी अस्‍पतालों में सख्ती के साथ लागू किया जाए

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने डेंगू से बचाव के संबंध में न‍िर्देश देते हुए कहा था क‍ि मेडिकल कालेजों, जिला अस्पताल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में भी मरीज भर्ती किए जाएं। मरीजों को मच्छरदानी में ही रखा जाए। ताकि दूसरे मरीज डेंगू की चपेट में न आएं। जरूरी दवाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। कार्ड जांच में डेंगू का पता चलने के बाद एलाइजा टेस्ट जरूर कराया जाए।

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