सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद भी नहीं थमा तीन तलाक का मुद्दा


बता दें कि 22 अगस्त 2017 को 5 जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया, जबकि दो ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। जिसके बाद एक साथ तीन तलाक पर प्रतिबंध था। मगर इसके बावजूद भी देशभर से इस तरह के बहुत सारे मामले सामने आए हैं। आइए हम आपको कुछ ऐसे ही मामलों से रू-ब-रू करवाते हैंः-
-28 दिसंबरः- दरअसल, यह मामला रामपुर के अजीमनगर का है, जहां सुबह में देर से उठने के कारण पति ने पत्नी को तीन तलाक दे दिया।
-27 दिसंबरः- यह मामला हैदराबाद का है, जहां घौसिया बेगम नाम की एक युवती को उसके पति जहरान अल रजही ने फोन पर तलाक दे दिया। जिसके बाद बेगम ने अपने पति से मुआवजे दिलाने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपील की थी।
-11 दिसंबरः- एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति ने दहेज के लिए उसे तलाक दे दिया।
-10 दिसंबरः- मामला उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का है, जहां एक महिला का आरोप है कि वो प्रधानमंत्री की रैली में गई थी और तीन तलाक को सपोर्ट कर रही थी। इस वजह से उसके पति ने उसे तलाक दे दिया।
-21 नवंबरः- यह मामला हैदराबाद का है, जहां रीयल स्टेट एजेंट ने अपनी पत्नी को फोन पर तलाक दे दिया था।
-26 अक्टूबरः-एक एनआरआई पति ने न्यूज पेपर में विज्ञापन छपवाकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। मामला हैदराबाद का है।
-22 सितंबरः-23 साल की युवती ने राजकोट महिला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई कि उसके पति ने उसे तलाक दे दिया और 18 महीने पहले उसे घर से भी निकाल दिया। उसके साथ तीन साल का बच्चा भी है।