जामिया में हंगामे पर सख्त हुआ प्रशासन, करेगा सख्त कार्रवाई…

विवादित वृत्तचित्र को लेकर जेएनयू में हुए बवाल के बाद बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हंगामे पर प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। जामिया प्रशासन ने कहा है कि माहौल बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विवि ने बयान जारी कर कहा कि एक राजनैतिक संगठन से जुड़े कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय में विवादित वृत्तचित्र दिखाने को लेकर पर्चे बांटे हैं। वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है। अधिकारियों की अनुमति के बिना छात्रों को सभा या बैठक अथवा किसी फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। जामिया प्रशासन ने चेतावनी देते हुए कहा कि उक्त आदेश का उल्लंघन करने वाले छात्रों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

फिर आमने-सामने आए वाम दल और एबीवीपी 

जेएनयू परिसर में मंगलवार रात विवादित डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के बाद वाम छात्र संगठन और एबीवीपी फिर आमने सामने आ गए हैं। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि जेएनयू में हमने सोचा था कि वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग करें, लेकिन प्रशासन की तरफ से शाम को ही लाइट काट दी गई। इसके बाद हमने अपने फोन निकालकर और लैपटॉप में वृत्तचित्र देखी। इन लोगों को ये बात हजम नहीं हो पाई और उसके बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई। 
गेट बंद करने से नाराज

जेएनयू में मंगलवार रात हुए हंगामे के बाद जामिया में भी छात्र संगठन एसएफआई ने पोस्टर लगाकर बुधवार छह बजे इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन का ऐलान किया था। छात्रों को रोकने के लिए शाम को कुछ देर के लिए गेट संख्या छह और सात को बंद कर दिया गया। इस दौरान कैंपस में मौजूद कई छात्र नाराज हो गए।

छात्रों को हिरासत में लिया

एसएफआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वृत्तचित्र दिखाने से पहले ही दिल्ली पुलिस ने उसके कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। संगठन ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र और एसएफआई की जामिया इकाई के सचिव अजीज अन्य छात्र निवेद्द, अभिराम, तेजस को हिरासत में लिया।

नकारात्मकता फैला रहे वामपंथी एबीवीपी

एबीवीपी ने कहा कि नकारात्मकता फैलाने वाले वामपंथी संगठन देश में उपनिवेशवादी ब्रिटिश लोगों के एजेंडे को साकार करने के लिए चालें चल रहे हैं। जेएनयू के प्रतिभावान छात्रों को समाज में बदनाम किया जा रहा है। कहा कि जब हमारा देश बुलंदियों को छू रहा है, तब इनको इस बात से दिक्कत आ रही है कि कैसे हमारे देश में इस तरह की सकारात्मक चीजें इतनी आसानी से हो रही हैं।

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