कॉन्फिडेंस के साथ मजबूत और शांत बनाता है बच्चों को रोजाना गले लगाना…
खुशी जाहिर करनी हो या दुख, लोग एक दूसरे के साथ सुख-दुख बांटने के लिए एक दूसरे को गले लगा लेते हैं। किसी को भी गले लगाना एक सुखद अनुभाव होता है, जिसके जरिए हम अपना प्यार सामने वाले व्यक्ति के प्रति दर्शाते हैं। यह दो लोगों के बीच एक इमोशनल बॉन्ड क्रिएट करके उनके बीच एक पॉजिटिव प्रभाव छोड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ बड़े लोगों को ही गले लगाने से फायदा नहीं होता है बल्कि छोटे बच्चों को भी गले लगाने से कई तरह के फायदे मिलते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में-
एक मां जब अपने बच्चे को गले लगाती है तो उसके बच्चे में आराम और सुरक्षा की भावना पैदा होती है, जो बच्चों में लंबे समय तक रहती है। भले ही बच्चे तोहफे के शौकीन होते हैं लेकिन गले लगाना उन्हें इससे भी ज्यादा खुशी देता है।
बच्चे को गले लगाने के फायदे-
बच्चे के साथ बनता है बॉन्ड
शिशु अपनी मां के स्पर्श को पहली बार में ही समझ जाता है। मां जिस स्नेह से अपने बच्चे को गले लगाती है, उसे बच्चे आसानी से समझ जाते हैं।नियमित गले लगाने से मां और उसके बच्चे के बीच एक बॉन्ड क्रिएट होता है।
स्मार्ट बनते हैं बच्चे –
बच्चे को बार-बार गले लगाने से उनका मन भावनात्मक रूप से उत्तेजित होता है, जो उन्हें मानसिक रूप से विकसित होने में मदद करता है। गले लगाने से बच्चे को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के विकास में मदद मिलती है। इससे बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। जेनेटिक साइकोलोजी मोनोग्राफ में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, जिन बच्चों को 10 सप्ताह तक रोज गले लगाया गया, उन्होंने डेवलपमेंट असेसमेंट में दूसरे बच्चों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया।
बच्चों को रखता है हेल्दी-
गले लगाने से ऑक्सीटॉसिन हार्मोन रिलीज होता है, जो सुरक्षा, प्यार, और विश्वास से जुड़ा होता है। यह हार्मोन शरीर के समग्र स्वास्थ्य को भी प्रभावित करके बच्चे के शारीरिक विकास में सहायता करता है। जिससे बच्चे को हेल्दी बनाए रखने में भी मदद मिलती है।
कॉन्फिडेंस बढ़ता है –
हग करने से आपके बच्चे को लगता है कि आप उनसे बहुत प्यार करती हैं और उसकी फैमिली उसकी बहुत केयर भी करती है। इससे उनके मन में एक सकारात्मक नजरिया बनता है और वह अपनी जिंदगी की ओर बहुत आत्म विश्वास और साकारातमकता से देखते हैं।
भीतर से मजबूत और शांत बनाता है-
जब भी आपका बच्चा दुखी हो या रोने लगे तो बस उसे गले लगा लें। आपके ऐसा करने से बच्चा अनुशासन में रहता है और आपकी बात भी मानता है। जब बच्चा शांत हो जाए तो उससे बात करें और समझाएं कि वो कैसे अपने गुस्से को कंट्रोल कर सकता है।