शख्स को हुआ जुकाम, नाक में डालने के लिए खरीदा स्प्रे, लगी ऐसी लत, 2 साल करता रहा नशा

चाहे खान-पान की चीज हो या कोई मादक पदार्थ हो, किसी भी चीज का नशा इंसान के लिए हानीकारक है. दुनिया में बहुत से लोग ऐसी अजीबोगरीब चीजों का नशा करते हैं, कि सुनकर ही आपको हैरानी होने लगेगी. पर ब्रिटेन (Britain man nasal spray addiction) के एक व्यक्ति को ऐसे चीज का नशा हुआ कि इलाज भी उसके लिए एक तरह की बीमारी बन गई! शख्स को एक बार जुकाम हुआ. जिसकी वजह से नाक बंद हो गई. उसे खोलने के लिए उसने एक नेज़ल स्प्रे खरीदा. पर उसे कहां पता था कि उसे नेज़ल स्प्रे की ऐसी लत लग जाएगी कि वो नशे में तब्दील हो जाएगी. अगले 2 साल शख्स ने स्प्रे का नशा किया और उस चक्कर में उसने लाखों रुपये खर्च कर दिए.

डेली स्टार न्यूज वेबसाइट के अनुसार साउंड डिजाइनर और संगीतकार कर्टिस आरनॉल्ड हार्मर (Curtis Arnold-Harmer) 28 साल के हैं और हेस्टिंग्स (Hastings Britain) में रहते हैं. 5 साल पहले उन्हें अचानक जुकाम हो गया. उनकी नाक बंद हो गई थी. तब उन्होंने दवाई की दुकान से करीब 600 रुपये की Sudafed Blocked नेजल स्प्रे खरीदा. भारत में भी लोग नेजल स्प्रे या प्रयोग करते हैं. इस स्प्रे को नाक के छेद में डालने से कुछ सेकंड के अंदर बंद नाक खुल जाती है.

10 लाख कर दिए खर्च
नेजल स्प्रे ने काम किया और कर्टिस दोबारा आसानी से सांस लेने लगे. हालांकि, उन्हें नहीं पता था कि यहां से उनके नशे की शुरुआत हो रही थी. अगले 2 साल से ज्यादा वक्त तक वो नेजल स्प्रे का नशा करते रहे. आपको जानकर हैरानी होगी कि नेजल स्प्रे पर उन्होंने करीब ढाई साल में 10 लाख रुपये खर्च कर दिए. उनकी नाक ऐसी लगने लगी जैसे उसमें कंक्रीट के पत्थर घुसे हों. उनकी नाक की कंडीशन वैसी ही हो गई थी, जैसे कोकेन इस्तेमाल करने वाले लोगों की हो जाती है.

एक दिन में करते थे 50 बार स्प्रे
कर्टिस ने डेली स्टार से बात करते हुए बताया कि जब वो पहली बार नाक के डॉक्टर से मिले, तो उन्होंने सबसे पहला सवाल यही पूछा कि वो दिन में कितनी बार कोकेन का नशा करते हैं? उन्होंने नाक देखकर कहा कि ऐसा लगता है जैसे वो 18 साल की उम्र से ही हफ्ते में दो बार कोकेन कर रहा है. दरअसल, कर्टिस को हमेशा ही जुकाम हो जाता था, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ होती थी. उन्हें सोने में भी डर लगने लगा था क्योंकि उनकी नाक बंद हो जाया करती थी. धीरे-धीरे स्प्रे का इस्तेमाल बढ़ता गया, वो उसे जेब में लेकर घूमने लगे और जब मन करता, वो उसे नाक में डाल लेते. दवा पर ये साफ लिखा भी है कि उसे 7 दिनों से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वो दिन में करीब 50 बार नाक में स्प्रे करते थे.

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