अंतर‍िक्ष बर्फ की तरह ठंडा, तो उपग्रह-स्‍पेसक्रॉफ्ट जमते क्‍यों नहीं?

कहा जाता है कि बाहरी अंतर‍िक्ष बर्फ की तरह ठंडा है. यही वजह है क‍ि तमाम ग्रहों पर तापमान माइनस में चला जाता है. मगर क्‍या यही सच है? अगर हां, तो फ‍िर उपग्रह, अंतर‍िक्ष यान और यहां तक क‍ि इंटरनल स्‍पेस स्‍टेशन जमता क्‍यों नहीं? काम करना बंद क्‍यों नहीं कर देते. सब तो बेहद आसानी से अंतर‍िक्ष में घूमते रहते हैं. अमेर‍िकी अंतर‍िक्ष एजेंसी नासा ने इसकी हकीकत बताई है.

नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष के बारे में सबसे आम गलतफहमियों में से एक यह है कि इसमें प्रवेश करने वाली कोई भी चीज तुरंत बर्फ का टुकड़ा बन जाती है. अंतरिक्ष वास्तव में ठंडा या गर्म नहीं है क्योंकि यह एक निर्वात है, जिसका अर्थ है कि इसमें कोई पदार्थ नहीं है जो गर्मी को स्थानांतरित कर सके. अंतरिक्ष में उपग्रहों या अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसी वस्तुओं के न जमने का कारण यह है कि अंतरिक्ष में उनसे ऊष्मा को दूर ले जाने के लिए कोई माध्यम नहीं है.

धरती पर कैसे पता चलता तापमान
पृथ्वी पर, हम वातावरण द्वारा गर्मी संचालित करने के कारण तापमान में बदलाव का अनुभव करते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा बिल्‍कुल नहीं है. वायुमंडल न होने की वजह से गर्मी हस्तांतरण केवल विकिरण के माध्यम से होता है. अंतरिक्ष में वस्तुएं सीधे सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर भी बहुत गर्म हो सकती हैं, लेकिन छाया में रहने पर वे बहुत ठंडी भी हो सकती हैं. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अपने आंतरिक तापमान को नियंत्रित करने और अत्यधिक तापमान परिवर्तन से बचाने के लिए विशेष इन्सुलेशन और तापमान नियंत्रण प्रणालियों का उपयोग करता है.अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अमोनिया से भरे विशाल अंतरिक्ष रेडिएटर्स से सुसज्जित है. उन्‍हें ठंड की चिंता नहीं, लेकिन गर्मी ज्‍यादा हो गई तो दिक्‍कत हो सकती है.

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