अंतरिक्ष: ईएसए ने जारी की अंतरिक्ष की पहली रंगीन तस्वीर, एक साथ दिखीं एक लाख आकाशगंगाएं

अंतरिक्ष की रंगीन फोटो सामने आई है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने तस्वीर को जारी की है। यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष की रंगीन तस्वीर को खींचा है। यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप ने पहली बार अंतरिक्ष की रंगीन तस्वीर को खींचा है। इस तस्वीर को देखकर ब्रह्मांड के रहस्यों का पता चला है। इस तस्वीर में पर्सियस गैलेक्सी क्लस्टर, आईसी 342 सर्पिल आकाशगंगा, ग्लोब्यूलर क्लस्टर एनजीसी 6397, अनियमित आकाशगंगा एनजीसी 6822 और हॉर्सशू नेबुला नजर आ रहे हैं।
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया है कि इससे पहले कभी भी किसी दूरबीन में आकाश के इतने बड़े इलाके में इतनी अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें बनाने और ब्रह्मांड में इतनी दूर तक देखने की क्षमता नहीं थी। एजेंसी की तरफ से बताया गया है कि पांच तस्वीरों से यूक्लिड की पूरी क्षमता का पता चलता है। इससे पता चलता है कि दूरबीन ब्रह्मांड का अब तक का सबसे व्यापक 3डी मैप बनाने और इसके रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए तैयार है।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी के विज्ञान निदेशक, प्रोफेसर कैरोल मुंडेल ने बताया कि डार्क मैटर आकाशगंगाओं को एक साथ खींचता है। डार्क एनर्जी से ब्रह्मांड का लगातार हो रहा विस्तार जारी है। प्रोफेसर मुंडेल ने बताया कि यूक्लिड ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने का काम करेगा। इन तस्वीरों से पता चलता है कि मिशन सबसे बड़े रहस्यों में से एक का जवाब खोजने में मदद मिलेगी।
जुलाई में यूक्लिड स्पेस टेलीस्कोप को लॉन्च किया गया था, जिसका काम डार्क मैटर का अध्ययन और अरबों गैलेक्सी के जरिए ब्रह्मांड का एक 3डी मैप बनाना है। तस्वीरों में 25 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर पर्सियस क्लस्टर दिखाई दे रहा है, जिसमें 1000 आकाश गंगाएं दिख रही हैं। लेकिन इसके पीछे 100000 और भी आकाश गंगाएं हैं, जो धुंधली नजर आ रही हैं।
टेलीस्कोप ने ग्लोब्यूलर क्लस्टर की भी तस्वीर ली है, जो करीब चार लाख प्राचीन सितारों से बनी हुई एक घनी गेंद है। ब्रह्मांड का 3डी मैप बनाने वाला मिशन छह साल तक चलेगा। धरती से करीब 16 लाख किमी की दूरी पर लैग्रेंज 2 पॉइंट पर यह टेलीस्कोप स्थित है। इसके साथ ही टेलीस्कोप ने हॉर्स हेड नेबुला भी देखा है।
इसकी तस्वीर को देखने पर यह घोड़े के सिर जैसा नजर आएगा। यह धरती से 1,375 प्रकाश वर्ष दूर ओरायन तारामंडल में स्थित है, जो गैसीय बादलों से भरा है। यहां पर नए सितारें पैदा हो रहे हैं।