सूर संहारम आज, इस विधि से करें शिव पुत्र कार्तिकेय जी की पूजा

 सूर संहारम का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह भगवान शिव के पुत्र मुरुगन स्वामी यानी कार्तिकेय जी को समर्पित है। इस शुभ दिन पर भक्त भगवान स्कंद की पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन उपवास का पालन करते हैं। यह त्योहार मुख्य रूप से तमिलनाडु में मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि (Soorasamharam 2024) 7 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है, जिसका अपना एक खास महत्व है, तो आइए इस पर्व से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

सूर संहारम पूजा नियम (Soorasamharam 2024 Puja Vidhi)

इस दौरान भक्त सख्त उपवास का पालन करते हैं। माना जाता है कि यह शरीर और मन को शुद्ध करता है, जिससे भगवान मुरुगन खुश होते हैं। ऐसे में सुबह उठकर घर और पूजा की सफाई करें। घर को रंगोली व फूलों आदि से सजाएं। स्कंद भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें गंगाजल से स्नान करवाएं। चंदन का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला अर्पित करें। उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। फल, मिठाई आदि का भोग लगाएं। वैदिक मंत्रों का जाप करें। आरती से पूजा का समापन करें।

शंखनाद करें। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। तामसिक चीजों से पूर्णत: परहेज करें। साथ ही भगवान मुरुगन के मंदिर अवश्य जाएं और कुछ दान-पुण्य करें। इस व्रत का पालन करने से सद्भाव, शांति और सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

मुरुगन स्वामी पूजन मंत्र (Soorasamharam 2024 Mantra)

देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महासैन्या धीमहि तन्नो स्कन्दा प्रचोदयात।।

ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कन्दा वल्लीईकल्याणा सुंदरा देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते।।

शुभ मुहूर्त (Soorasamharam 2024 Shubh Muhurat )

हिंदू पंचांग के अनुसार, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। वहीं, गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। ऐसा कहा जाता है इस समय किसी भी प्रकार की पूजा व शुभ कार्य कर सकते हैं।

Back to top button