सोम प्रदोष व्रत पर भद्रावास समेत बन रहे हैं कई अद्भुत योग

धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो होता है।आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 27 January 2025) जानते हैं-

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी सोमवार 27 जनवरी को माघ के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है। त्रयोदशी तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव एवं मां पार्वती की पूजा की जा रही है। साथ ही प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। इस व्रत को करने से साधक की हर परेशानी दूर होती है।

माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं। आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 27 January 2025)
सूर्योदय – सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 56 मिनट पर

शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 54 मिनट से 06 बजकर 20 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – देर रात 12 बजकर 07 मिनट से 01 बजे तक

अशुभ समय
राहुकाल – सुबह 08 बजकर 32 मिनट से 09 बजकर 53 मिनट तक
गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक
दिशा शूल – पूर्व

ताराबल
अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल
मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन

शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो माघ के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर हर्षण और भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का भी संयोग है। इस योग में देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही हर शुभ काम में सफलता मिलेगी।

इन मंत्रो का करें जप

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं।।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

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