दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिला कुछ ऐसा जिसे देख चारो तरफ मचा हडकंप

दिल्ली के सराय रोहिला रेलवे स्टेशन से वाइल्ड लाइफ एसओएस ने दो दुर्लभ प्रजाति के कांटेदार जंगली चूहों यानी हेजहॉग को बचाया है। रेलवे स्टेशन पर एक लवारिस बैग में यह चूहे बंद थे। शक है कि तस्कर इन जंगली चूहों को बैग समेत छोड़कर भाग गए।दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिला कुछ ऐसा जिसे देख चारो तरफ मचा हडकंपलवारिस बैग को देखने वाले एक यात्री ने इसकी सूचना वाइल्डलाइफ एसओएस को पहुंचाई। इसके बाद इन्हें बचाया गया। इन दुर्लभ प्रजाति के कांटेदार जंगली चूहों की बड़े पैमाने पर तस्करी भी होती है।

बैग में दो जंगली चूहे मौजूद थे। वाइल्डलाइफ एसओएस का कहना है कि एक व्यस्क मादा और दूसरा उसका बच्चा बचाया गया है। दोनों काफी डरे हुए थे। इन्हें सामान्य होने तक परामर्श और निगरानी में रखा जाएगा। वाइल्डलाइफ एसओएस के विशेष परियोजना प्रबंधक वसीम अकरम ने कहा कि पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद इन जंगली चूहों के इनके अनुकूल जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

उत्तेजना की दवाई बनाने के लिए जलाए जाते हैं जिंदा
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि भारत के कुछ स्थानों पर हेजहॉग को जिंदा जलाए जाने और उनके शरीर के भीतरी हिस्सों को बेचने की सूचनाएं मिलती रही हैं। हेजहॉग के भीतरी हिस्सों से उत्तेजना पैदा करने वाली दवाएं बनाई जाती हैं। यह भारत में खासतौर से उत्तर-पश्चिम हिस्से के जंगलों में मिलते हैं।

नाखूनों जैसे सख्त और नुकीले बालों से बचाव
हेजहॉग यानी कांटेदार जंगली चूहे भारत और पाकिस्तान समेत दुनिया के कई हिस्सों में पाए जाते हैं। इनका वैज्ञानिक नाम पाराचाइनस माइक्रोपस है। इनके बाल नन्हें नाखून की तरह सख्त और कांटेदार होते हैं। इनके बाल किरेटिन के बने होते हैं, जिसका इस्तेमाल ये खुद के बचाव में करते हैं। यह अपने पूरे शरीर को बचाव के लिए बॉल सरीखा बना लेते हैं।

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