तो इसलिए पति-पत्नी को कभी नहीं खाना चाहिए एक थाली में खाना, जान ले इसके पीछे का ये बड़ा कारण…

अक्सर हमारे यहां साथ मिलजुलकर खाने को सही माना गया है लेकिन शास्त्रों में खाने के कुछ नियम बताये गए है। आज हम आपको खाने के कुछ नियम बताने जा रहे है जो आपके लिए बहुत काम आने वाले है। मान्यताओं के अनुसार भीष्म पितामह ने अर्जुन को दिए अहम संदेशों में बताया है कि जिस थाली को किसी का पग लग जाए तो उस थाली का वही छोड़ देना चाहिए। लेकिन यह सभी पौराणिक बातें है। इनका कोई प्रमाण नहीं है। 

खाने के कुछ नियम 

भीष्म पितामह मुताबिक, एक ही थाली में पति-पत्नी खाना खाते हैं तो ऐसी थाली मादक पदार्थों से भरी मानी जाने वाली होती है। संभव हो तो पत्नी को पति के उपरांत खाना खाना चाहिए। इससे घर में सुख बढ़ता है।

भीष्म ने कहा कि खाने के दौरान थाली में बाल आने पर उस थाली का त्याग कर देना चाहिए। बाल आने के पश्चात् भी खाए जाने वाले भोजन से दरिद्रता की संभावनाएं बढ़ती है। 

भोजन पहले जिस थाली को कोई लांघ कर गया हो ऐसे खाने को नहीं खाना चाहिए। इसे कीचड़ के समान छोड़ देने वाला समझना चाहिए। 

भीष्म पितामह ने अर्जुन को कहा कि एक ही थाली में भाई-भाई खाना खाए तो वह अमृत के बराबर हो जाता है। ऐसे भोजन से धनधान्य, सेहत तथा श्री की बढ़ोतरी होती है। 

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