MP के इस मंदिर में नाग करते है खजाने की रक्षा, मंदिर खोलते ही पुजारी को दिखा कुछ ऐसा

ग्वालियर. श्योपुर मे 16वीं शताब्दी के मानेश्वर मंदिर में सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पुजारी ने पट खोले तो चौंक गए। मंदिर में शिव मूर्ति के ऊपर एक सफेद फूल और शिवलिंग से लिपटी नाग की केंचुली नजर आई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां शिव रात्रि, सावन के सोमवार और दीपावली के आसपास अक्सर नाग शिव को केंचुली समर्पित करते हैं।
MP के इस मंदिर में नाग करते है खजाने की रक्षा, मंदिर खोलते ही पुजारी को दिखा कुछ ऐसा

नाग शिवजी को चढ़ा गया केंचुली…

– शिवलिंग पर सोमवार को नाग के केंचुली समर्पित करने की घटना श्योपुर और आसपास चर्चा में रही। सुबह पट खोलते ही यहां पूजा करने वाले पंडित को करीब 10 फीट लंबे नाग की केंचुली शिवलिंग के पास नजर आई। 

– मानपुर कस्बे में सीप नदी किनारे गौड़ राजा मानसिंह की ऐतिहासिक गढ़ी के पालकी महल में 16वीं सदी के मानेश्वर महादेव का मंदिर बना है। इसमें स्थापित संगमरमर से बने शिवलिंग के इर्द-गिर्द लिपटी केंचुली नीचे तक लंबाई में फैली हुई मिली, साथ ही मानेश्वर महादेव शिवलिंग के शीश पर एक सफेद फूल भी चढ़ा हुआ था। शिव लिंग को नाग के केंचुली समर्पण की खबर पूरे कस्बे में फैल गई, और मंदिर पर मंगलवार तक दर्शनार्थी आते रहे। 

गढ़ी के महल और गुफा में रहते हैं नाग, त्योहारों पर समर्पित करते हैं केंचुली

– मानपुर कस्बे में सीप नदी किनारे ऐतिहासिक गढ़ी में लगभग 500 साल पुराने मानेश्वर महादेव मंदिर में सांप और केंचुली दिखने की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं। अक्सर शिवरात्रि, सावन के सोमवार और नाग पंचमी के आसपास नाग केंचुली समर्पित करते हैं।
– लगभग 13 बीघा में बनी इस गढ़ी में कई खंडहर महल और रहस्यमयी गुफा बनी हुई हैं। किवंदतियां हैं कि इस गढ़ी में पुराना खजाना दबा हुआ है, नाग इसी खजाने की रखवाली के लिए मुस्तैद हैं। 
– खजाने की तलाश में लोगों ने गढ़ी की जमकर तोडफ़ोड़ की है, हालांकि इस दौरान नाग प्रकट हो जाते हैं। राजा के नियुक्त पुजारी की पांचवीं पीढ़ी के कुलदीप शुक्ला के मुताबिक गढ़ी के महल और गुफा में कई प्रजातियों के नाग रहते है। कई बार ये मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में आकर मानेश्वर शिवलिंग से लिपटे हुए देखे गए है।

सुबह, दोपहर व शाम शिवलिंग का बदलता है रंग

– 16वीं शताब्दी में स्थापित किए गए मार्बल के शिवलिंग की खासियत यह है कि ये दिन में तीन बार रंग बदलता है। 
– सूर्य की किरणों के बदलते एंगल और आसपास के वृक्षों के फूल पत्तों के रिफ्लेक्शन से सुबह के समय शिवलिंग हल्का गुलाबी, दोपहर में सफेद और शाम के समय हल्के नीले रंग का नजर आता है।
Back to top button