क्या आप जानते हैं एक ऐसी विचित्र बीमारी के बारे में जिसमें नींद में बन जाते हैं अंजान लोगों से संबंध

क्या यह संभव है कि आप किसी के साथ यौन संबंध बनाएं और भूल जाएं? और क्या ये तब मुमकिन है जब यौन संबंध एक नहीं बल्कि छ: लोगों के साथ बनाया जाए? है ना यह अजीब बात! किसी को अगर नींद की बीमारी है तो यह समझने लायक है और लोगों को इसके बारे में पता भी है. लेकिन क्या कभी आपने नींद में शारीरिक संबंध बनाने वाली बीमारी के बारे में सुना है? इस बीमारी के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होगा. लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसी भी एक बीमारी होती है जिसमें लोग नींद में संबंध बना लेते हैं. इस बीमारी को ‘सेक्सोमेनिया’ के नाम से जाना जाता है और इसके पेशेंट्स को ‘सेक्सोमेनियक’.

क्या आप जानते हैं एक ऐसी विचित्र बीमारी के बारे में जिसमें नींद में बन जाते हैं अंजान लोगों से संबंध

क्या है सेक्सोमेनिया         

सेक्सोमेनिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें लोग किसी के साथ भी शारीरिक संबंध बना लेते हैं और जब उनकी नींद खुलती है तो उन्हें कुछ भी नहीं याद रहता. इसके पेशेंट्स बाद में खुद को बलात्कार या यौन उत्पीड़न का शिकार पाते हैं. इस बीमारी का पता विशेषज्ञों को तब चला जब ऑस्ट्रेलिया में यह बीमारी एक महिला में देखने को मिली. यह महिला अपने पार्टनर के साथ रहती है. बताया जाता है कि रात के समय वह घर से निकल गयी और करीब छ: अंजान लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाये. यह महिला अपनी इस बीमारी से अनजान थी और उन्हें इस बात का पता तब चला जब उसके घर में कंडोम बिखरे हुए मिले. डॉक्टर से जांच कराने के बाद पता चला कि वह सेक्सोमेनिया से पीड़ित हैं.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

विशेषज्ञों के अनुसार जब व्यक्ति REM अवस्था में प्रवेश करता है तब उसका शरीर स्थिर हो जाता है. उसके बाद सपने में घटने वाली हर एक चीज़ को वह असलियत में करने लगता है. इसे एक आनुवांशिक विकार भी कहा जा सकता है. हालांकि अधिक शराब का सेवन और अत्यधिक तनाव भी इसका कारण हो सकते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक आमतौर पर व्यक्ति को सपने याद नहीं रहते. यह तभी संभव है जब वह सपनों के दौरान जागा हो. नींद की दवा से REM व्यवहार विकार को रोका जा सकता है. इतना ही नहीं, इससे मांसपेशियों का तनाव भी कम हो जाता है. डॉक्टरों ने आगे बताते हुए कहा कि मनोवैज्ञानिक  समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को सेक्सोमेनिया की शिकायत हो सकती है. इस बीमारी में अधिकतर संख्या महिलाओं की होती है जिसका इलाज मनोचिकित्सक ही कर सकते हैं.

 
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