खग्रास चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले आया भूकंप दे रहा आपदा के संकेत, ज्योतिष की बड़ी भविष्यवाणी

चंद्र ग्रहण से कुछ ही घंटे पहले भारत के कई शहरों में बुधवार दोपहर आए भूकंप कई गंभीर संकते दे रहा है। दिल्ली से लेकर अफगानिस्तान और कजाकिस्तान की धरती इस भूकंप से कांप उठी है। ज्योतिष चंद्र ग्रहण से पहले आए इस भूकंप को अशुभ मान रहे हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि चंद्र ग्रहण का सीधा संबंध भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होता है।
ज्योतिष में ग्रहण को अशुभ और हानिकारक प्रभाव वाला माना जाता है। 31 जनवरी को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगभग 150 साल बाद आया है। इस ग्रहण को खग्रास चंद्रग्रहण कहा गया है। इस खगोलीय घटना के दौरान चंद्रमा पृथ्वी के बेहद करीब आ जाएगा। ज्योतिषों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण का सीधा संबंध भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से माना जाता है। चंद्र ग्रहण का सूतक लगने के बाद आए इस भूकंप पर ज्योतिषियों का मानना है कि पहली नजर में देखा जाए तो सूतक के समय भूकंप का आना अशुभ है। ये चंद्र ग्रहण के बाद कई प्राकृतिक आपदाओं का संकेत दे रहा है।
वहीं अगर विज्ञान की नजर से देखें तो भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों के आपस में टकराने के कारण आते हैं और भूकंप से ही सुनामी का जन्म होता है। ज्योतिष के अनुसार टेक्टोनिक प्लेटें ग्रहों के प्रभाववश खिसकती हैं और टकराती हैं। भूकंप की तीव्रता प्लेटों पर पड़ने वाले ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करती है। धार्मिक मान्यता है कि चंद्र ग्रहण जल एवं समुद्र को प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण आने वाली प्राकृतिक आपदाओं जैसे-बाढ़, तूफान, भूकंप, महामारी की तरफ इशारा करते हैं। खग्रास चंद्र ग्रहण भी इसी श्रृंखला में रखा जाता है। हालांकि कुछ लोग इसे सिर्फ एक अंधविश्वास मानते हैं और इस पर विश्वास नहीं करते हैं।
चंद्र ग्रहण: ग्रहण के दौरान अगर चांद का करना है दीदार तो इन बातों का रखें खास ध्यान
ज्योतिष में ग्रहणों का बहुत महत्व है क्योंकि उनका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर देखा जाता है। चंद्रमा के पृथ्वी के सबसे नजदीक होने के कारण उसके गुरुत्वाकर्षण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। इसी कारण पूर्णिमा के दिन समुद्र में सबसे अधिक ज्वार आते हैं और ग्रहण के दिन उनका प्रभाव और अधिक हो जाता है। भूकंप भी गुरुत्वाकर्षण के घटने और बढ़ने के कारण ही आते हैं। ज्योतिष के मुताबिक, चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव से आग और दुर्घटनाएं समाज में परेशानी पैदा कर सकती हैं। लोगों और देशों के बीच मनमुटाव बढ़ सकता है।
चंद्र ग्रहण विश्व में अशांति पैदा कर सकता है। चंद्र ग्रहण के चलते भूकंप की भी संभावना बढ़ जाती है। यही भूकंप यदि समुद्र के तल में आते हैं, तो सुनामी में बदल जाते हैं। भूकंप, तूफान, सुनामी आदि में वैसे तो सूर्य, बुध, शुक्र और मंगल का प्रभाव देखा गया है लेकिन चंद्रमा का प्रभाव विशेष है एवं ग्रहण का प्रभाव और भी विशेष है। हालांकि, चंद्र ग्रहण की वजह से केवल नकारात्मक परिणाम ही नहीं होते हैं। चंद्रग्रहण के सकारात्मक प्रभाव के चलते मनुष्य साधना के लिए प्रगति भी प्राप्त कर सकता है।