इरफान से नहीं मेल खाए बांग्लोदशी से बरामद लेटरहेड के हस्ताक्षर
कानपुर में पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी के जिस लेटरहेड पर जारी किए गए फर्जी निवास प्रमाण पत्र को आधार बनाकर बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान मोहम्मद के परिवार को भारत की नागरिकता मिलने का दावा किया गया, उस पर सपा विधायक इरफान सोलंकी के हस्ताक्षर नहीं थे।
झांसी स्थित फोरेंसिक लैब से आई हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लेटरहेड में मिले हस्ताक्षर पूर्व विधायक के हस्ताक्षर से भिन्न हैं। इस रिपोर्ट को सोलंकी के खिलाफ चल रहे केस में बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।
यही वजह है कि अब पुलिस नमूना मिलान के लिए अब लखनऊ की फोरेंसिक लैब भेजा गया है। 10 दिसंबर 2022 को मूलगंज पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता हासिल कर अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान, उनकी पत्नी हिना खालिद, बड़ी बेटी रूखसार व दो नाबालिग बेटों और ससुर खालिद को पकड़ा था।
1998 में दिल्ली में हिना से की थी शादी
पुलिस ने डॉ. रिजवान के पास से अलग-अलग पते का आधार कार्ड, बांग्लादेश के पते वाले चार पासपोर्ट, नकदी, डॉलर व लाखों रुपये कीमत के जेवर बरामद किए थे। पूछताछ में पता चला थ कि डॉ. रिजवान ने वर्ष 1998 में दिल्ली में हिना से मुलाकात के बाद शादी की और फिर बांग्लादेश चला गया। तीनों बच्चे बांग्लादेश में ही पैदा हुए। 2016 में वह पत्नी व बच्चों के साथ कानपुर आ गया।
निवास प्रमाण पत्र के जरिए रिजवान ने आधार कार्ड बनवाए
इस दौरान वह अक्सर बांग्लादेश व पाकिस्तान भी जाता रहता था। पुलिस का दावा है कि पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू रहमान के लेटर पैड पर बने निवास प्रमाण पत्र के जरिए रिजवान ने आधार कार्ड बनवाए। इसी लेटरहेड के आधार पर पुलिस ने डॉ रिजवान, हिना, तीनों बच्चो, ससुर के अलावा पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी व मन्नू रहमान के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
निजी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर विधायक और पार्षद बनाए गए थे आरोपी
बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ दर्ज केस में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद को आरोपी बनाने के लिए पुलिस ने निजी एक्सपर्ट की रिपोर्ट को आधार बनाया था। रिपोर्ट और रिजवान के कस्टडी रिमांड के दौरान के कबूलनामे के बाद पुलिस ने पूर्व विधायक का नाम केस में जोड़ दिया था। हालांकि कोर्ट में सरकारी फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट ही मायने रखती है। इसलिए 50 पन्नों में इरफान से 1350 बार हस्ताक्षर लिए गए और जांच के लिए झांसी लैब भेज दिए गए, ताकि इनका मिलान लेटरहेड पर हुए हस्ताक्षरों से कराया जा सके।
पत्नी, बच्चों और ससुर को मिल चुकी है जमानत
डॉ. रिजवान के तीनों बच्चों और ससुर खालिद की पहले ही जमानत हो चुकी थी। अभी हाल ही में 19 माह से जेल में बंद डॉ. रिजवान की पत्नी हिना को भी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। हालांकि सत्यापन के चलते हिना अभी जेल में भी बंद है। वहीं सपा विधायक इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान और डॉ रिवजान मोहम्मद की याचिका अभी लंबित है।
हाईकोर्ट ने दिए एक साल में निस्तारण करने के आदेश
बांग्लादेशी नागरिक के पकड़े जाने के मामले में हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाते हुए एक साल के भीतर केस का निस्तारण करने के आदेश दिए हैं। वर्तमान में मामले की सुनवाई एमपीएमएलए कोर्ट में चल रही हैं। वहीं, पुलिस अभी भी हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट कोर्ट में पेश नहीं कर सकी है।
अलग-अलग लैब से जांच कराया जाना सामान्य प्रक्रिया है। झांसी फॉरेंसिक लैब से आई हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट से जांच अधिकारी संतुष्ट नहीं थे। इसी वजह से अब हस्ताक्षर मिलान के लिए सैंपल लखनऊ की फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं। वहां से जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर अनुपूरक चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी। -श्रवण कुमार, डीसीपी पूर्वी