इस बड़ी वजह से सिद्धार्थ मल्होत्रा से बुरी तरह नाराज हैं मनोज तिवारी

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और भोजपुरी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता मनोज तिवारी बॉलीवुड एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा से बुरी तरह नाराज हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद मनोज तिवारी ने भोजपुरी के तथाकथित अपमान को लेकर सिद्धार्थ मल्होत्रा के खिलाफ जनहित याचिका दायर की है।

…इसलिए नाराज हैं मनोज तिवारी – 

पूरा मामला बिग बॉस-11 से जुड़ा हुआ है। दरअसल, सिद्धार्थ मल्होत्रा अपनी हिंदी फिल्म ‘अय्यारी’ के प्रमोशन के लिए बिग बॉस के सेट पर पहुंचे थे। उनके साथ चरित्र अभिनेता मनोज बाजपेयी भी थे। हुआ यूं कि फिल्म के प्रमोशन की कड़ी में जब मनोज बाजपेयी ने सिद्धार्थ मल्होत्रा को ‘टाइगर जिंदा है’ फिल्म का डायलॉग भोजपुरी भाषा में बोलने के लिए कहा तो सिद्धार्थ ने डायलॉग तो बोला, लेकिन विवाद को भी जन्म दे दिया। एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने बड़ी मुश्किल से भोजपुरी में यह डायलॉग बोला, फिर कहा कि यह बोलते हुए उन्हें लैटरीन वाला अहसास हुआ।

सिद्धार्थ मल्होत्रा की हरकत शर्मनाक – 

एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा के इस बयान पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ याचिका दायर की है। भाजपा सांसद ने कहा कि भोजपुरी को लेकर जो भी बोला है वह शर्मनाक और बेहद आपत्तिजनक है।

पहले राष्ट्रपति भी बोलते थे भोजपुरी – 

मनोज तिवारी ने भोजपुरी की तारीफ करते हुए कहा कि इस देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भोजपुरी बोलते थे। यूपी, बिहार, झारखंड में कुल 22 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। साथ ही कहा कि इस देश में ज्यादातर नौकरशाहों की भाषा भोजपुरी है। ऐसे में सिद्धार्थ मल्होत्रा ने उन सभी का अपमान किया है।

माफी मांग चुके हैं सिद्धार्थ – 

यहां पर बता दें कि विवाद सामने आने के बाद एक्टर सिद्धार्थ मल्‍होत्रा बाकायदा ट्वीट कर माफी मांग चुके हैं। उन्होंने ट्वीट कर माफी मांगते हुए अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है- ‘मैंने हाल ही में एक नई भाषा बोलने की कोशिश की, जब मैं एक टीवी शो पर था अगर मैंने अनजाने में किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई हो तो मैं इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। मेरा किसी का अनादर करने का कोई मकसद नहीं था।’

जानें भोजपुरी के बारे में –

कई राज्यों में बोलते हैं लोग – 

भोजपुरी शब्द का निर्माण बिहार का प्राचीन जिला भोजपुर के आधार पर पड़ा। जहां के राजा ‘राजा भोज’ ने इस जिले का नामकरण किया था। भाषाई परिवार के स्तर पर भोजपुरी एक आर्य भाषा है और मुख्य रूप से पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा उत्तरी झारखण्ड के क्षेत्र में बोली जाती है।

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आधिकारिक और व्यवहारिक रूप से भोजपुरी हिन्दी की एक उपभाषा या बोली है। भोजपुरी अपने शब्दावली के लिए मुख्यतः संस्कृत एवं हिन्दी पर निर्भर है। हालांकि, कुछ शब्द इसने उर्दू से भी ग्रहण किए हैं।

विदेशों में भी बोली जाती है भोजपुरी – 

भोजपुरी जानने-समझने वालों का विस्तार विश्व के सभी महाद्वीपों पर है, जिसका कारण ब्रिटिश राज के दौरान उत्तर भारत से अंग्रेजों द्वारा ले जाये गये मजदूर हैं जिनके वंशज अब जहां उनके पूर्वज गए थे वहीं बस गए हैं। इनमे सूरिनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, फिजी आदि देश प्रमुख है।

करोड़ों लोग बोलते हैं भोजपुरी – 

एक अनुमान के मुताबिक, देश में लगभग 3.3 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। पूरे विश्व में भोजपुरी जानने वालों की संख्या लगभग 5 करोड़ के आसपास है, हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि पूरे विश्व में भोजपुरी के वक्ताओं की संख्या 16 करोड़ है, जिसमें बिहार में 8 करोड़ और उत्तर प्रदेश में 7 करोड़ तथा शेष विश्व में एक करोड़ है।

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